दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक सीट जिस पर सबसे ज़्यादा चर्चा हुई, वह है ओखला विधानसभा सीट. आम आदमी पार्टी के अमानतउल्ला ख़ान ने इस सीट पर पिछली बार भी जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार फ़ासला पहले से ज़्यादा रहा.
2015 में अमानतउल्ला खान 65 हज़ार वोट से विजयी हुए थे. इस बार यह अंतर लगभग 72 हज़ार वोटों का रहा. कांग्रेस के परवेज़ हाशमी को सिर्फ 5 हज़ार वोटों से संतोष करना पड़ा.
आम आदमी पार्टी के इमरान हुसैन ने जीत दर्ज की है. पिछली बार 33,877 वोटों से जीत दर्ज की थी. इस बार 36 हज़ार वोटों के अंतर से जीते हैं.
इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही भारतीय जनता पार्टी की लता. इस सीट पर दिल्ली के पूर्व मंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार हारुन यूसुफ़ को भी बड़ी मुश्किल से 5 हज़ार वोट मिले.
इस सीट से शोएब इकबाल ने जीत दर्ज की है. पाँच बार के विधायक रह चुके इक़बाल ने चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी का दामन थामा था.
जीत का अंतर 50 हज़ार से ज़्यादा का रहा. इस सीट पर भी दूसरे नंबर पर रहे भारतीय जनता पार्टी के रविन्द्र गुप्ता. पिछले चुनाव में इस सीट पर आम आदमी पार्टी के असीम अहमद ख़ान ने जीत हासिल की थी.
इस बार उनका टिकट काट दिया गया था. पिछली बार असीम की जीत का अंतर 26 हज़ार वोटों का था. कांग्रेस के मिर्ज़ा जावेद अली को तकरीबन 3 हज़ार वोट मिले.
दिल्ली की वो 6 सीटें, जिन पर मुस्लिम वोटरों की संख्या बाकी विधानसभा सीटों से ज़्यादा है, वो हैं – ओखला, बल्लीमारान, मटिया महल, मटियाला, सीलमपुर और मुस्तफ़ाबाद. इन सीटों पर इस बार कौन हारा, कौन जीता यह जानना अपने आप में दिलचस्प है.