रिजर्व बैंक ब्याज दरों को लेकर क्या फैसला लेगा? जानिए एक्सपर्ट की राय

रिटेल महंगाई अब भी काफी उच्चस्तर पर है और यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) ने कुछ और समय के लिए सख्त रुख बरकरार रखने का फैसला किया है. ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले महीने की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की द्विमासिक मॉनेटरी पॉलिसी रिव्यू बैठक में रेपो रेट को एक बार फिर यथावत रखने का फैसला लिया जा सकता है.

रिजर्व बैंक ने 8 फरवरी, 2023 को रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया था और तब से इसने अत्यधिक उच्च रिटेल महंगाई और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ ग्लोबल फैक्टर्स को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है. बता दें कि आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय एमपीसी की बैठक 4-6 अक्टूबर को प्रस्तावित है. एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी.

ब्याज दर में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं

बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने कहा, “उम्मीद है कि आरबीआई इस बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा क्योंकि महंगाई अब भी ऊंची बनी हुई है और नकदी की स्थिति सख्त है. मुद्रास्फीति पर आरबीआई के अनुमान को सही माना जाए, तो तीसरी तिमाही में भी यह 5 फीसदी से ज्यादा रहेगी. ऐसे में चालू कैलेंडर साल 2023 में और संभवत: चौथी तिमाही में भी रेपो दर में बदलाव नहीं होगा. खरीफ फसलों, खासकर दालों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.”

महंगाई अगस्त में घटकर 6.83 फीसदी रही

हालांकि, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई अगस्त में थोड़ा घटकर 6.83 फीसदी रह गई है. जुलाई में यह 7.44 फीसदी थी. हालांकि, यह रिजर्व बैंक के 6 फीसदी के संतोषजनक स्तर से अब भी ऊपर है. सरकार ने आरबीआई को महंगाई को 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने की जिम्मेदारी दी है.

महंगाई सितंबर में घटकर 5.3-5.5 फीसदी पर आने की उम्मीद

इक्रा लिमिटेड की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर ने कहा कि सीपीआई आधारित महंगाई सितंबर, 2023 में घटकर 5.3-5.5 फीसदी पर आने की उम्मीद है. इसमें टमाटर की औसत कीमत आधी होने से फायदा मिला. नायर ने कहा कि इक्रा को लगता है कि एमपीसी अक्टूबर, 2023 नीति में भी कोई बदलाव नहीं करेगी.

रिटेल महंगाई 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान

रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई 5.4 फीसदी पर रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इसके 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.7 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई के 5.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है.