सामने आया ये बड़ा राज, मरकज से लौटे जमातियों ने ट्रेन और बस में बांटी थी…

दिल्ली, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ से ये लोग अलग-अलग दिशाओं से अपने घरों को रवाना हुए. बसों में इन्होंने यात्रियों (Passengers) को भी पेठा खिलाया था.

 

बताया जा रहा है कि अब मिठाई खाने और लेने वालों की तलाश की जा रही है. बरेली, बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर  जैसे शहरों से तमाम व्यापारी, कारोबारी दिल्ली के चक्कर लगाते रहते हैं.

रोजाना कुछ ट्रेनों के जरिए तो कुछ बस या अपने व्हीकल से दिल्ली जाते हैं. ऐसे लोग किस किस के संपर्क में आए इसकी खोजबीन हो रही है.

बहुत से ऐसे परिवार हैं जो बरेली से बदायूं, अलीगढ़, बुलंदशहर, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद  आदि शहरों में आते जाते रहे हैं.

वहीं, नगर निगम के अधिकारियों ने शुरुआती जांच के बाद पाया कि मरकज के प्रबंधकों को कई बार इमारत के निर्माण वाली जगह के मालिकाना हक के दस्तावेज देने को कहा गया.

लेकिन प्रबंधकों ने कभी भी निगम को मालिकाना हक के दस्तावेज नहीं सौंपे. ऐसे में इस जमीन के मालिकाना हक पर भी सवाल उठने लगे हैं. आखिर यह जमीन किसकी है और तबलीगी जमात के लोगों को किसने दी है.

राजधानी दिल्ली में निजामुद्दीन मरकज के जमातियों ने देश में कोरोना के मामलों को काफी तेजी से बढ़ा दिया. इन जमातियों के संपर्क में भी कई लोग आए, जिसके बाद से विभिन्न राज्यों में पुलिस (Police) इनकी तलाश कर रही है.

एक नया मामला सामने आया है, जहां कुछ लोग आगरा (Agra) की मिठाई लेकर दिल्ली तबलीगी जमात के प्रोग्राम में शामिल हुए थे.

यूपी के बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर  में कुछ मामले सामने आए हैं. वैसे बरेली से तबलीगी जमात के लोग बुलंदशहर, बहराइच और शाहजहांपुर गए थे.

सूत्रों के अनुसार दिल्ली में जमात के मजहबी प्रोग्राम में दूसरे राज्यों से लेकर यूपी से काफी लोग गए थे. बस में जमातियों ने यात्रियों को मिठाई भी बांटी थी.

दिल्ली, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और मेरठ  से ये जमाती और जिन लोगों ने बसों में यह मिठाई खाई वो कहां गए इसकी तहकीकात हो रही है. वहां से जब ये लोग बस, ट्रेन या अन्य वाहनों से लौटे तो वापसी में लोगों को मिठाई बांटी थी.