चीन से परेशान हो चुके हैं पश्चिमी देश, जानिए सबसे पहले आप

हाल ही में सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा कि चीन को बॉर्डर मसले का समाधान खोजने का कोई इरादा नहीं है। ऐसे में एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि भारत को नए सिरे से स्ट्रेटजी प्लान करने को जरूरत है। इसे लेकर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश मेनन ने दी प्रिंट में विस्तार से लिखा है। मौजूदा वक्त में मेनन स्ट्रेटजिक स्टडीज प्रोग्राम, तक्षशिला इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर हैं। प्रकाश मेनन का मानना है कि चीन भारत के साथ बॉर्डर पर और समुद्र में खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खुद को मजबूत करके भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। यह चीन के बड़े प्लान का हिस्सा है जिसके तहत बीजिंग नई दिल्ली को दक्षिण एशिया में समेटकर रखना चाहता है।

दक्षिण-पूर्वी एशिया जियोपॉलिटिकल गेम का केंद्र बन रहा है और भारत उस केंद्र का केंद्रबिंदु बनता जा रहा है। ऐसे में भारत को अपनी समुद्री सीमा की सुरक्षा बढ़ाते हुए उत्तरी और पूर्वी बॉर्डर पर अधिक फोकस करने की जरूरत है। एक मजबूत समुद्री शक्ति के रूप में भारत में बड़े ग्लोबल पावर गेम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है। हिंद महासागर का क्षेत्र चीन के लिए बेहद जरूरी है क्योंकि चीन के कारोबार का करीब दो तिहाई इसी क्षेत्र से होता है। ऐसे में भारत का इस क्षेत्र में अपर हैंड रहने से चीन समुद्र में स्वतः कमजोर हो जाता है।

रूस पर प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस के संबंध स्थिर बने हुए हैं। चीन अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में युआन का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना चाहता है लेकिन अभी तक चीन स्पष्ट रूप से इस संघर्ष में पिछड़ा हुआ है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से चीन पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। भारतीय बॉर्डर पर चीनी रवैए को लेकर भी पश्चिमी देश चीन पर नजरें तरेरे हुए है। यूक्रेन पर चीन के स्टैंड को लेकर भी पश्चिमी देश बीजिंग पर निशाना साध रहे हैं। ताइवान जैसे मसलों को लेकर पश्चिमी देश पहले से ही चीन के खिलाफ हैं।

 

मेनन ने लिखा है कि अगर चीन सुपर पावर लीग में शामिल होना चाहता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय आबादी के बड़े हिस्से का स्वेच्छा से समर्थन करना होगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चीन की लोकप्रियता कम होती जा रही है। महामारी, यूक्रेन युद्ध और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की चमक खोने के साथ चीन को बहुत नुकसान होने की आशंका है। ऐसे में भारत इस सबसे फायदा उठा सकता है।