यूक्रेन में शुरू होने जा रहा युद्ध , पुतिन ने सेना को दिया ये आदेश

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को समर्थित क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले फरमानों पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादियों के कब्जे वाले हिस्सों में सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है।

रूस के रक्षा मंत्री क्रेमलिन ने इसे शांति व्यवस्था मिशन का नाम दिया है, लेकिन अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने यूक्रेन पर हमले की आशंका जताई है।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अमेरिकी और पश्चिमी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस का यह कमद यूक्रेन के खिलाफ एक बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत हो सकती है। सोमवार रात एक भाषण में पुतिन ने पश्चिम के साथ कीव के बढ़ते सुरक्षा संबंधों की आलोचना की। साथ ही यूएसएसआर के इतिहास और यूक्रेनी समाजवादी सोवियत गणराज्य के गठन के बारे में लंबी टिप्पणियों में यूक्रेन के आत्मनिर्णय के अधिकार पर संदेह व्यक्त किया।

उन्होंने देश के पूर्वी हिस्से को “प्राचीन रूसी भूमि” कहते हुए कहा, “यूक्रेन की कभी भी अपने राज्य की परंपरा नहीं रही है।” पुतिन के फरमानों ने पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में दो अलग-अलग क्षेत्रों डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर और एलपीआर) पर मास्को की आधिकारिक मान्यता से अवगत कराया। फरमानों ने उन्हें स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता दी और रूसी सैनिकों के साथ उनकी सुरक्षा की गारंटी दी। फरमानों में कहा गया है कि रूसी तथाकथित शांति सेना को क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुतिन का भाषण रूसी लोगों के लिए युद्ध को सही ठहराने के लिए था। यह एक संप्रभु और स्वतंत्र यूक्रेन के विचार पर हमला है। अधिकारी ने कहा, “एक और रूसी आक्रमण और कब्जे की मानवीय लागत विनाशकारी होगी।”