वीरेन्द्र वत्स को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित, क्षेत्रवासियों ने जताई खुशी

कादीपुर तहसील क्षेत्र के निवासी साहित्यकार व कवि वीरेन्द्र वत्स को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान पर क्षेत्रवासियों ने खुशी जताई है।

कादीपुर तहसील क्षेत्र के करौंदीकला ब्लॉक के गोपालपुर सराय ख्वाजा गांव निवासी वीरेन्द्र वत्स लंबे समय तक पत्रकारिता से जुड़े रहे। वीरेन्द्र वत्स का ग़ज़ल संग्रह ‘कोई तो बात उठे’ काफी चर्चित रहा है। उनका नया काव्य संग्रह ‘अंत नहीं यह…’ इसी सप्ताह आ रहा है। उन्होंने इस साल नई दिल्ली के राजपथ पर निकली गणतंत्र दिवस झाँकी का गीत लिखा था, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली और झाँकी को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

गांधी जयंती पर समाजसेवा, शिक्षा, पत्रकारिता, थिएटर और पर्वतारोहण से जुड़े दिग्गजों को महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने वर्चुअल कार्यक्रम में पुरस्कृत नामों की घोषणा की। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार नार्वे की संस्था भारत-नार्वे सूचना व सांस्कृतिक फोरम की ओर से प्रदान किया गया। इस मौके पर नार्वे के संसदीय कार्यमंत्री एस्पेन वार्ट आइदे, और फोरम के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ मौजूद थे। पुरस्कृत होने वाली हस्तियों में मेधा पाटकर, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, जलपुरुष राजेन्द्र सिंह, नवभारत टाइम्स के संपादक सुधीर मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार एवं कवि वीरेन्द्र वत्स, लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉक्टर योगेन्द्र प्रताप सिंह, शकुंतला विश्वविद्यालय के डॉ वीरेन्द्र सिंह यादव और वर्धा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रजनीश शुक्ल शामिल हैं। वीरेंद्र वत्स के सम्मानित होने पर समाजसेवियों, साहित्यकारों व क्षेत्र वासियों ने खुशी जताई है।