सचिन पायलट गुट के विधायक वीरेंद्र सिंह ने किया ऐसा, अशोक गहलोत के बीच तनातनी

राजस्थान में जारी है रस्साकसी- बता दें कि राजस्थान में कैबिनेट विस्तार, राजनीतिक नियुक्ति और संगठन में पद को लेकर रस्साकसी जारी है. राज्य में सचिन पायलट खेमे का कहना है कि जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्ति हो, वहीं अशोक गहलोत प्री कोविड कोरेंटिन में चले गए हैं.

राजस्थान में सरकार बनने के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट कैंप कै बीच खींचतान जारी है. पिछले साल सचिन पायलट कैंप के डेढ़ विधायक गुरुग्राम चले गए थे, जिसके बाद सरकार खतरे में आ गई थी. हालांकि हाईकमान के दखलअंदाजी के बाद मामला शांत हुआ था.

वीरेंद्र सिंह ने कहा कि गोविंद डोटासरा संगठन में लोगों को भर्ती करें. ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस का संगठन मजबूत हो. अगर उन्हें लगता है कि पायलट के लोगों को नहीं शामिल करना है, तो वे ऐसा कर सकते हैं. इधर, वीरेंद्र सिंह के इस बयान से राजनितिक सरगर्मी तेज हो गई है. वहीं हाईकमान स्तर के नेता चुप्पी साध लिए हैं.

सचिन पायलट से मुलाकात के बाद विधायक वीरेंद्र सिंह ने कहा कि 39 सदस्यों को अपने कार्यसमिति में शामिल कर लिया, लेकिन डोटासरा फिर भी अकेले हैं. संगठन से सरकार बनती है, लेकिन यहां सरकार होने के बाद भी संगठन खाली है. उन्होंने आगे कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा को चाहिए की जल्द से जल्द संगठन बनाएं.

राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी कलह के बीच सचिन पायलट गुट के विधायक वीरेंद्र सिंह ने संगठनको लेकर बिगुल फूंक दिया है. वीरेंद्र सिंह ने कहा है कि 11 महीने से अधिक हो गया है, लेकिन संगठन का विस्तार नहीं हो सका है. वीरेंद्र सिंह का यह बयान उस वक्त आया है, जब राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनातनी चल रही है.