उइगर मुस्लिमों के साथ चीन कर रहा ये काम, जानकर उड़े लोगो के होश

बीते साल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese Xi Jinping) ने इशारों में कहा था कि शिंजियांग के पश्चिमी इलाके में रहने वाले सभी जातीय समूहों का लगातार विकास चल रहा है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस इलाके के लोगों को सही शिक्षा देती रहेगी.

शिंजियांग में यहां 80 लाख तक उइगर मुसलमानों को शिक्षित और सभ्य बनाने के नाम पर डिटेंशन कैंपों में अमानवीय तरीकों से रखने की खबर सामने आ चुकी हैं. चीन में मस्जिदों को तोड़कर टॉयलेट बनाने की भी कई खबरें सामने आ चुकी हैं.

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी शुरू के डेढ़ वर्षों तक इन कंसंट्रेशन कैंप्स को छिपाए हुई थी. हालांकि खबरों के सामने आने के बाद भी इसका रवैया नहीं बदला और चीन ने ऐसे किसी कैंप का अस्तित्व ही खारिज कर दिया.

जब इन कैंप्स के खिलाफ सबूत आने लगे तो चीन ने अपना सुर एक बार फिर बदला. सबूतों के बाहर आने पर चीन ने कैंप्स को ट्रेनिंग सेंटर बताया. उसने दावा किया कि वह पिछड़े उइगर लोगों को नौकरियां देने के लिए ट्रेनिंग दे रहा है.

बीजिंग अब मानवाधिकारों के हनन पर पश्चिमी दबाव महसूस कर रहा है. चीन आरोपों का खंडन करने और आलोचनाओं को अनसनुना करने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है. इसी साल जनवरी में अमेरिका ने चीन पर नरसंहार का आरोप लगाया था.जिसके बाद अन्य राजनयिक दबाव भी शुरू हो गए.

 चीन (China) के उत्तरपश्चिम में शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र (XUAR) में चीनी अत्याचारों की भयावहता हर रोज बढ़ रही है. इसके जवाब में, चीन उइगरों के बड़े पैमाने पर नजरबंदी के बारे में लगातार अपने बयान बदल रहा है.

संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों का अनुमान है कि कम से कम दस लाख मुसलमानों को कन्संट्रेशन कैंप्स में रखा गया है. इन कैंप्स के बारे में चीन का कहना है कि यह सभी ‘व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र’ हैं. कैंप्स में रखे गए लोगों का आंकड़ा वयस्क मुस्लिम आबादी के 10 प्रतिशत के बराबर है.