उत्तराखंड सरकार ने किया ऐसा, पंजीकृत हर यात्री वाहनो पर लगाना होगा ये…

उत्तराखंड सरकार ने पंजीकृत हर यात्री वाहन और नेशनल परमिट वाले माल वाहक वाहनों पर 20 अप्रैल तक जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया है। परिवहन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने इसके आदेश कर दिए। करीब सवा लाख वाहन इसके दायरे में आएंगे। हालांकि जीपीएस को लेकर केंद्र से 2019  में आदेश कर दिए थे। लेकिन कोरोना के कारण इसकी रफ्तार धीमी पड़  गई। हालात सामान्य होते ही सरकार ने इस पर दोबारा आदेश जारी कर  दिया है।

जीपीएस डिवाइस बाजार में आठ से 12 हजार रुपये तक की है। छोटे वाहनों में पैनिक बटन कम होने से अधिक खर्च नहीं आता। जबकि बसों में थोड़ा खर्च बढ़ जाता है। दो पहिया और तिपहिया वाहन जीपीएस वाहन की अनिवार्यता से मुक्त रहेंगे। अब तक राज्य में 15 हजार वाहनों में जीपीएस लगाया जा चुका है। बाकी को 20 अप्रैल तक का वक्त दिया गया है। सभी टैक्सी, मैक्सी, जीप, कार, बसों में इसे लगाना होगा।

हर वाहन में जीपीएस डिवाइस लगाई जाएगी। इसका सिम नंबर और चेसिस नंबर परिवहन विभाग के वाहन पोर्टल और वीएलटी पोर्टल पर दर्ज कराया जाएगा। यह पूरा डाटा स्टेट डाटा सेंटर के सर्वर में सेव होगा और कुल्हान स्थित परिवहन आयुक्त मुख्यालय के जरिए वाहनों पर पल पल नजर रखी जा सकेगी। उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह के अनुसार यह डिवाइस हर दो-दो मिनट में डाटा सेंटर को मैसेज भेजता रहता है। यात्री के पैनिक बटन दबाने, वाहन के गलत रूट पर जाने, हादसा होने पर तत्काल जानकारी मिल जाएगी।