US-UK, फ्रांस और इटली. इजराइल के समर्थन में उतरे ये देश, लेकिन रखी शर्त

अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा और इटली के नेताओं ने फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ एक बार फिर इजराइल का समर्थन किया है. साथ ही इन देशों ने पीएम नेतन्याहू से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों को बनाए रखने और नागरिकों की रक्षा करने का भी आग्रह किया.दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सनक के साथ बातचीत बाद रविवार को व्हाइट हाउस ने एक संयुक्त बयान जारी किया था.

अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करे इजराइल

संयुक्त बयान में इन नेताओं ने इज़राइल और आतंकवाद के खिलाफ अपनी रक्षा करने के अधिकार के लिए अपना समर्थन दोहराया और नागरिकों की सुरक्षा सहित अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का आह्वान किया. यह जंग 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इज़राइल के खिलाफ हमलों से शुरू हुई थी. इज़राइल ने 2007 से गाजा पर शासन करने वाले इस्लामी आतंकवादी समूह के खिलाफ बड़े पैमाने पर जवाबी हमला शुरू किया है.

दो अमेरिकी बंधकों की रिहाई

वहीं शनिवार को दो अमेरिकी बंधकों, एक मां और उसकी किशोर बेटी की रिहाई का स्वागत करते हुए, नेताओं ने शेष सभी बंधकों की तत्काल छोड़ने का आह्वान किया. उन्होंने क्षेत्र में अपने नागरिकों, विशेष रूप से गाजा छोड़ने के इच्छुक लोगों का समर्थन करने के लिए करीबी समन्वय की भी प्रतिबद्धता जताई.

नेताओं ने गाजा में फिलिस्तीनियों तक पहुंचने वाले पहले मानवीय काफिले की घोषणा का स्वागत किया. उन्होंने मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा देखभाल और अन्य आवश्यक सहायता तक निरंतर और सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में भागीदारों के साथ निरंतर समन्वय के लिए भी प्रतिबद्धता जताई.

राजनीतिक समाधान और शांति

बयान में कहा गया कि उन्होंने संघर्ष को फैलने से रोकने, मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने और राजनीतिक समाधान और शांति की दिशा में काम करने के लिए क्षेत्र में प्रमुख साझेदारों सहित करीबी राजनयिक समन्वय जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई. इससे पहले दिन में, बाइडन ने गाजा और आसपास के क्षेत्र में विकास पर चर्चा करने के लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बात की थी.