अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान पर भड़का चीन , बिगड़ सकते हालात

बता दें कि सरकारी कार्रवाई के चलते जब हांगकांग स्थित अखबार एपल डेली ने 26 साल बाद अपने दफ्तर को बंद करने का फैसला लिया, तो इसपर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रतिक्रिया देते हुए गुरुवार को इसे हांगकांग और दुनिया भर में मीडिया की आजादी के लिए एक दुखद दिन करार दिया।

इट हाउस की तरफ से एक बयान में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि स्वतंत्र बोली को दंडित करने वाले कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के माध्यम से गिरफ्तारी, धमकियों और जबरदस्ती के माध्यम से, बीजिंग ने स्वतंत्र मीडिया को दबाने और असहमतिपूर्ण विचारों को चुप कराने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करने पर जोर दिया है।

झाओ ने कहा कि अमेरिकी एक्शन चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है और अखबार के वरिष्ठ सदस्यों की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि इनके द्वारा हांगकांग के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का कथित रूप से उल्लंघन किया गया था।

उन्होंने कहा कि कानून का उद्देश्य उन मुट्ठी भर लोगों पर नकेल कसना है जो राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं और हांगकांग में बड़ी संख्या में लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं।

जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता भी शामिल है। झाओ ने यह भी कहा कि मीडिया आउटलेट और उसके वरिष्ठ अधिकारियों की प्रेस की स्वतंत्रता पर कार्रवाई की जांच करने के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।

हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक एपल डेली अखबार को बंद करने पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बयान पर भड़के चीनी विदेश मंत्रालय नेअमेरिका को देश के आंतरिक मामलों में दखल देना बंद करने की चेतावनी दी है चाहिए।

NHK वर्ल्ड की रिपोर्ट के अनुसार चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को कहा कि हांगकांग चीन के आंतरिक मामलों के अंतर्गत आता है। उन्होंने वाशिंगटन से तथ्यों का सम्मान करने और विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में कानून प्रवर्तन में बाधा डालने से रोकने का आग्रह किया।