दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका व ईरान के बीच तनाव गहराने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान ने अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराया है।
इस समाचार के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड यानी कच्चे ऑयल की कीमतों में आग लग गई है। कुछ ही मिनटों में क्रूड की कीमतें 3 प्रतिशत से ज्यादा उछल गई। अगर दोनों राष्ट्रों के बीच युद्ध जैसे दशाबने रहते है तो कच्चा ऑयल यहां से 10 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
ऐसे में भारत के लिए कच्चा ऑयल खरीदना महंगा हो जाएगा। ऐसे में पेट्रोल-डीज़ल के दाम भी हिंदुस्तान में 8 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। लिहाजा देश में महंगाई बढ़ेगी व आर्थिक ग्रोथ पर इसका नकारात्मक प्रभाव होगा। आफको बता दें कि ईरान के सबसे बड़े ऑयल ग्राहक चाइना व हिंदुस्तानहैं। हिंदुस्तान चाइना के बाद कच्चे का सबसे बड़ा खरीदार है। हिंदुस्तान ईरान से हर रोज करीब 4.5 लाख बैरल कच्चे ऑयल की खरीद करता है।
अब क्या हुआ- मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि अमेरिका तथा ईरान के बीच तनाव बढ़ने से मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ा है।
अमेरिकी ऑफिसर ने बोला है कि ईरान की सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल ने स्ट्रेट ऑफ हॉर्मूज के ऊपर अंतर्राष्ट्रीय एयरस्पेस में अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया है। वहीं, ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने बोला है कि ड्रोन दक्षिणी ईरान के ऊपर उड़ान भर रहा था।
दो महीने में 20 प्रतिशत तक सस्ता हुआ कच्चा तेल- दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में सुस्ती की चिंता के चलते कच्चे ऑयल की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। ब्रेंट क्रूड अप्रैल में 2019 के ऊपरी स्तर पर 75 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। लेकिन इसके बाद कीमतें गिरकर 60 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई।
हालांकि, एक्सपर्ट्स का बोलना है कि तनाव बढ़ने से क्रूड की कीमतों में 10 डॉलर तक का उछाल आ सकता है। मतलब साफ है कि कीमतें फिर से 70 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच जाएंगी।