डीएमके सांसद टीआर बालू की टिप्पणी पर लोकसभा में हंगामा, भाजपा ने की माफी की मांग

लोकसभा में मंगलवार को सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। दरअसल द्रमुक नेता टी आर बालू ने केंद्रीय राज्य मंत्री एल. मुरुगन पर निशाना साधते हुए कुछ टिप्पणी की। जिस पर भाजपा सांसदों ने कड़ी नाराजगी जताई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि बालू ने मुरुगन के खिलाफ टिप्पणी करके पूरे दलित समाज का अपमान किया है। उन्होंने द्रमुक के वरिष्ठ नेता से माफी की मांग की।

टीआर बालू ने दी सफाई
संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए टीआर बालू ने कहा ‘संसद के लिए उपयुक्त नहीं है, ये कोई असंसदीय टिप्पणी नहीं है।’ डीएमके सांसद ए राजा ने बताया कि ‘मैंने गृह राज्य मंत्री से पूरक प्रश्न किया था कि क्या राष्ट्रीय आपदा फंड के तहत कोई पैसा जारी किया गया है। इस पर गृह राज्यमंत्री ने गैरजिम्मेदाराना जवाब दिया, जिससे हम थोड़ा नाराज थे। इसी बातचीत के दौरान टीआर बालू भी सवाल पूछना चाहते तो केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन ने उन्हें रोक दिया, तो हमने कहा कि आप संसद सदस्य बनने के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि आप राज्य के हितों के खिलाफ हैं।’

एल मुरुगन ने डीएमके पर लगाए आरोप
वहीं इस पूरे विवाद पर केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन ने कहा ‘डीएमके एक शोषित वर्ग के व्यक्ति को बतौर मंत्री स्वीकार नहीं कर पा रही है। यही वजह है कि उन्होंने मेरे और मेरे समुदाय के खिलाफ असंसदीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।’

क्या है मामला
सदन में प्रश्नकाल के दौरान डीएमके सांसद टीआर बालू तमिलनाडु में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के संदर्भ में सवाल पूछ रहे थे, तभी मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने उन्हें टोका। इससे टीआर बालू नाराज हो गए और उन्होंने मुरुगन के खिलाफ एक शब्द का इस्तेमाल किया। इसके बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने विरोध शुरू कर दिया। प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘बालू एक वरिष्ठ सांसद हैं। उन्होंने एक एससी मंत्री के खिलाफ टिप्पणी की है। उनको माफी मांगनी चाहिए।’ मेघवाल ने कहा, ‘बालू जी, आप इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। यह दलित समाज का अपमान है। आपको माफी मांगनी चाहिए।’

इसके बाद द्रमुक और कांग्रेस के सदस्यों ने प्रतिवाद किया और आरोप लगाया कि तमिलनाडु के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि बालू ने जिस शब्द का इस्तेमाल किया उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ देर तीखी नोकझोंक चलती रही। हंगामा थमने पर बिरला ने प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।