यूपी: कोरोना की चपेट में आने से हुआ हाईकोर्ट के जज का निधन, अस्पताल में चल रहा था इलाज

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया था. कुछ दिन पहले उन्हें एसपीजीआई में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें 23 अप्रैल को लोहिया अस्पताल में दाखिल कराया गया. सूत्रों के मुताबिक़, न तो उन्हें अटेंडेंट मिला और न ही दूसरी सुविधाएं.

उन्हें वीवीआईपी अस्पताल में दाखिल ही नहीं कराया गया. लखनऊ में ऐसे लोगों के लिए एक अस्पताल रिजर्व किया गया है, लेकिन जस्टिस श्रीवास्तव को वहां दाखिल ही नहीं किया गया.

इसके बाद ही इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जस्टिस वीके श्रीवास्तव की कोरोना से हुई मौत पर जांच बिठाने का आदेश दिया था. अदालत ने कहा है कि हमें पता चला कि जस्टिस वीके श्रीवास्तव की लखनऊ के आरएमएल अस्पताल में देखभाल नहीं हुई. हालत बिगड़ने पर उन्हें पीजीआई शिफ्ट किया गया, जहां बाद में उनका निधन हो गया. कोर्ट ने यूपी सरकार से इस सारे मामले पर जवाब तलब किया है.

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिवंगत जस्टिस वीके श्रीवास्तव के इलाज आदि के संबंध में जांच के लिए यूपी सरकार को एक समिति का गठन करने का निर्देश दिया था, जिसका गठन हो गया है. एसजीपीजीआई के एक वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट, सचिव स्तर के एक अधिकारी और अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष या सीनियर एडवोकेट को समिति में शामिल हैं.

कोर्ट ने लखनऊ बेंच के सीनियर रजिस्ट्रार को दिवंगत जस्टिस वीके श्रीवास्तव के इलाज की जांच की एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है. अब यूपी सरकार ने समिति का गठन कर दिया है और के अंदर रिपोर्ट भी मांगी है.

दिवंगत जस्टिस वीके श्रीवास्तव के निधन का मामला काफी बड़ा मुद्दा बन गया है. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य की यूपी सरकार की तरफ से जस्टिस वीके श्रीवास्तव की कोरोना से हुई मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. वहीं उस समिति से 7 दिन में रिपोर्ट भी मांगी गई है.