यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में अमेरिकी राजदूत निकी हेले ने पाकिस्तान पर एक बार फिर हमला बोला है। सोमवार को निकी ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान को एक भी डॉलर नहीं देना चाहिए क्योंकि यहां पर आतंकियों को पनाह दी जाती है। निकी की मानें तो पाक में जिन आतंकियों को पनाह मिली हुई है वे अमेरिकी सैनिकों की हत्या करते हैं। निकी ने जोर देकर यह बात कही कि जब तक इस मुद्दे पर पाकिस्तान ध्यान नहीं देता है तब तक इस्लामाबाद को एक भी डॉलर नहीं दिया जाना चाहिए।
पाक के खिलाफ उठाने होंगे कड़े कदम
निकी पहली भारतीय अमेरिकी हैं जिन्हें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में जगह मिली और किसी अहम कैबिनेट पद की जिम्मेदारी दी गई। निकी ने कहा कि अमेरिका ने इस उम्मीद में किसी देश को पैसे नहीं दिए थे कि ये देश अमेरिका को नुकसान पहुंचाए और अमेरिका की पीठ के पीछे उसे जरूरी कदम लेने से रोकें। निकी हेले ने अमेरिकी मैगजीन ‘द अटलांटिक’ को एक इंटरव्यू दिया है। इसी इंटरव्यू में उन्होंने कई अहम बातें पाक को लेकर कहीं हैं। निकी ने कहा है, ‘उन्हें लगता है कि ऐसे देश जो अमेरिका के साझीदार हैं, उन पर रणनीतिक नजरिया अपनाया जाना चाहिए। ऐसा नजरिया जिसमें हम उन देशों पर कुछ निश्चित चीजों को लेकर भरोसा कर सकें और आगे बढ़ सकें।’
अमेरिकी सैनिकों की हत्या कर रहे आतंकी
निकी की मानें तो अमेरिका को आंख बंदकर किसी को भी रकम नहीं देते रहना चाहिए। हेले इस माह के अंत में यूएन के राजदूत का पद छोड़ रही हैं। निकी के मुताबिक वह पाकिस्तान का उदाहरण देना चाहेंगी जिसे अमेरिका ने कई अरबों डॉलर दिए हैं। लेकिन इसके बदले उसने आतंकियों को पनाह दी है और इन्हीं आतंकियों ने अमेरिकी सैनिक भी थे। यह बिल्कुल अच्छी बात नहीं है और तब तक पाक को एक भी डॉलर भी नहीं मिलना चाहिए जब तक वह अपनी गलती न सुधार ले। निकी की मानें तो अरबों-डॉलर बदलाव के लिए कोई छोटी रकम नहीं है और इसका प्रयोग होना चाहिए। राष्ट्रपति ने इस हफ्ते निकी की जगह पर विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर न्यूएट को राजदूत के पद के लिए चुना है। हीथर फॉक्स न्यूज की एंकर भी रह चुकी हैं।
अमेरिका नहीं कर सकता पाक की मदद
अक्टूबर माह में निकी ने इस बात का ऐलान किया था कि वह इस वर्ष के अंत में अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। साउथ कैरोलिना की गर्वनर 46 वर्षीय निकी ने करीब दो वर्षों तक अपने पद की जिम्मेदारी निभाई है। निकी का कहना है कि पाकिस्तान को यह साफ-साफ स्पष्ट कर देना चाहिए कि आप जब तक यह काम नहीं करेंगे, अमेरिका आपकी सेना या फिर काउंटर-टेररिज्म में आपकी मदद नहीं करेगा। सिंतबर माह में अमेरिका ने पाक को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की मदद रोक दी है। इसके अलावा कुछ दिन पहले ट्रंप ने भी पाक पर हमला बोला था। ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने मिलियन डॉलर की मदद इस्लामाबाद को दी है लेकिन इसके बाद भी हमें कुछ नहीं मिला है।