उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर जमकर साधा निशाना, कह डाली ये बात

हाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खेड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपा और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा। शिवसेना का नाम और चुनाव प्रतीक खोने के बाद पहली बार है जब उन्होंने एक रैली को संबोधित किया।

कहा कि उन्होंने सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस के बाद बाला साहेब का नाम चुरा लिया। अगर उनमें हिम्मत है तो मोदी के नाम पर वोट मांगे, न कि शिवसेना और बालासाहेब की फोटो पर। चुनाव आयोग को मोतियाबिंद से पीड़ित बताते हुए ठाकरे ने कहा कि उसे आकर जमीनी स्थिति देखनी चाहिए। उद्धव ने मेघालय विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के एनपीपी से गठबंधन पर सवाल उठाए। कहा कि अमित शाह ने कोनराड संगमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए लेकिन, जब नतीजे आए तो पीएम मोदी ने संगमा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। उद्धव ने तंज करते हुए बोला कि आपको कोई शर्म नहीं है?

मेघालय में बीजेपी के गठबंधन पर सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘अमित शाह ने कितनी बातें कीं और कोनराड संगमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। अमित शाह ने कहा कि संगमा का परिवार राज्य का मालिक है, गरीबों का पैसा खाता है और मेघालय सबसे भ्रष्ट राज्य सरकार है। जिस दिन नतीजे आए, पीएम मोदी ने संगमा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।”

उद्धव ने भगवा दल पर हमला बोलते हुए कहा, “पुणे में अमित शाह ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और एनसीपी का जूता चाटा। अब आप मेघालय में क्या कर रहे हैं? आपको कोई शर्म नहीं है?” “भाजपा भाई-भतीजावाद की बात करते हैं। मैं उनसे कहता हूं हां, मैं बालासाहेब ठाकरे का बेटा हूं। मेरा परिवार छह पीढ़ियों से महाराष्ट्र की सेवा कर रहा है।” उद्धव ठाकरे ने कहा, मेरे पिता की फोटो चुराने के बजाय मोदी की फोटो लगाओ और चुनाव लड़ो।

भाजपा पर नाम चुराने का आरोप लगाते हुए उद्धव ने कहा, “उन्होंने सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस और अब बालासाहेब ठाकरे के नाम चुरा लिए।” सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने सरदार पटेल का नाम चुरा लिया। इसी तरह उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को चुराया और बालासाहेब ठाकरे के साथ भी ऐसा ही किया। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि वे मोदी के नाम पर वोट मांगे, न कि शिवसेना के नाम पर और बिना बालासाहेब ठाकरे की फोटो के।”

उद्धव ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर चुनाव आयोग मोतियाबिंद से पीड़ित है तो उसे आकर जमीनी स्थिति देखनी चाहिए। आपने (चुनाव आयोग ने) हमसे पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह छीन लिया है, लेकिन आप शिवसेना को मुझसे नहीं छीन सकते। अगर लोगों का जनादेश तय करता है कि मुझे घर बैठना चाहिए, तो मैं ऐसा करूंगा। जैसे मैंने वर्षा को छोड़ दिया, वैसे ही छोड़ कर घर चला जाता। लेकिन चुनाव आयोग के आदेश पर मैं ऐसा नहीं करूंगा।

गोमूत्र को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “क्या गोमूत्र छिड़कने से हमारे देश को आजादी मिली थी? क्या ऐसा हुआ था कि गोमूत्र छिड़का गया और हमें आजादी मिली? यह बात नहीं थी, स्वतंत्रता सेनानियों ने बलिदान दिया था।” उनका जीवन, फिर हमें आजादी मिली।”