गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से हटती दिखी…कमांडरों के बीच हुई …

चाइना व हिंदुस्तान के फौजी ऐसे वक्त सीमा पर पीछे हटे हैं, जब कुछ रोज पहले पीएम नरेंद्र मोदी लेह के दौरे पर गए थे. वहां उन्होंने सुरक्षा बंदोबस्तों का जायजा लिया था. साथ ही गलवान की खूनी झड़प के दौरान जख्मी हुए जवानों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना था.

इसी बीच, चाइना के ‘Global Times’ ने विदेश मंत्री Spox Zhao Lijian के हवाले से सहा कि हमने व हिंदुस्तान ने 30 जून को दोनों राष्ट्रों की सेनाओं के बीच हुई तीसरी कमांडर स्तर की वार्ता के बाद प्रभावी कदम उठाते हुए सरहद से पीछे हटना प्रारम्भ कर दिया है.

वहीं, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) अजित डोभाल ने चीनी के विदेश मंत्री व स्टेट काउंसलर से रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर वार्ता की. सूत्रों के हवाले से खबर एजेंसी ने बताया कि यह वार्ता सौहार्दपूर्ण ढंग से व आगे बढ़ने की दिशा को ध्यान में रखते हुए हुई.

भारत व चाइना के बीच LAC को लेकर विवाद के बीच सोमवार (छह जुलाई, 2020) को चाइना की सेना (PLA) गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते व पीछे हटती दिखी.

सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर एजेंसी PTI की रिपोर्ट में बोला गया कि इस क्षेत्र में सैनिकों के पीछे हटने का यह पहला इशारा है. दोनों पक्षों के कोर कमांडरों के बीच हुए समझौते के तहत चीनी सैनिकों ने पीछे हटना प्रारम्भ किया है.

उन्होंने बोला कि चीनी सेना गश्त बिंदु 14 पर लगाए गए तंबू एवं अन्य ढांचे हटाते हुए देखी गई है. गोगरा हॉट स्प्रिंग इलाके में भी चीनी सैनिकों के वाहनों की इसी तरह की गतिविधि देखी गई है. वहीं, खबर एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीएलए के फौजी करीब एक से दो किमी पीछे हटे.

बता दें कि भारतीय व चीनी सेना के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में गतिरोध जारी है. गलवान में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद तनाव कई गुणा बढ़ गया था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चाइना के सैनिक भी इस झड़प में हताहत हुए थे लेकिन उसने अब तक इसके ब्योरे उपलब्ध नहीं कराए हैं.