4 साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले ही सीएम पद छोड़ने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब दिया ये बड़ा बयान

गत मार्च में अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण करने से महज नौ दिन पहले पद से हटने वाले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हाईकमान का निर्णय था और पार्टी का सिपाही होने के नाते उन्होंने इसे शिरोधार्य किया।

विधानसभा सत्र के बीच में यह निर्णय हुआ, इसलिए थोड़ा कष्ट जरूर हुआ। यह पहला मौका है जब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने पद से हटने को लेकर अपनी टीस जाहिर की।

त्रिवेंद्र के उत्तराधिकारी बने तीरथ सिंह रावत का कार्यकाल बहुत छोटा रहा और चार महीने से पहले ही उन्होंने संवैधानिक अड़चन का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। तीरथ के बाद राज्य के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी ने सरकार की कमान थामी है।

वर्ष 2017 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा भारी-भरकम बहुमत के साथ सत्ता में आई थी। 70 सदस्यीय निर्वाचित विधानसभा में भाजपा को 57 सीटें मिलीं।

भाजपा नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को सरकार की कमान सौंपने का निर्णय लिया। 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। गुजरी 18 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने पर राज्यभर में समारोह आयोजित करने की तैयारी कर रही थी  इससे नौ दिन पहले नौ मार्च को उन्हें अप्रत्याशित रूप से पद से हटना पड़ा।