कल है रंभा तीज व्रत, जानिए कैसे करे पूजा

मान्यता है कि रंभा तीज का व्रत रखने से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है. उनके पति की उम्र बढ़ती है. संतान सुख की प्राप्ति होती है. रंभा तीज का व्रत रखने और दान देने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं एव घर में समृद्धि और शांति रहती है तथा महिला सतत निरोगी रहती हैं. मान्यता है कि महिलाएं यह व्रत सुंदर यौवन की प्राप्ति के लिए भी रखती हैं.

इस दिन सुहागिन महिलायें प्रातःकाल उठकर स्नानादि करके व्रत एवं पूजा करने का संकल्प लें. पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुंह करके स्वच्छ आसन पर बैठें. माता पार्वती और शिव भगवान की मूर्ति स्थापित करें. पहले गणेश भगवान की फिर शिव भगवान और माता पार्वती की पूजा अर्चना करें.

पूजा में घी के पांच दीपक जलाएं. पूजा के दौरान भगवान शिव पर चंदन, गुलाल और फूल समेत अन्य चीजें एवं माता पार्वती पर चंदन, हल्दी, मेहंदी, अक्षत, लाल फूल समेत सोलह श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं.

रंभा तीज मुहूर्त तृतीया तिथि का आरंभ – 12 जून शनिवार की रात में 08 बजकर 19 मिनट से तृतीया तिथि समापन -13 जून, रविवार की रात 09 बजकर 42 मिनट पर

 हिंदू पंचांग के मुताबिक़, रंभा तीज का व्रत हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. रंभा तीज का व्रत कल यानी 13 जून को रखा जायेगा. इस व्रत को ‘रंभा तृतीया’ भी कहते हैं.

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए रम्भा तीज व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं.

अपने पति की लंबी उम्र के लिए एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए सुहागिन महिलाएं रंभा व्रत रखती हैं. सुहागिन महिलायें इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करके विशेष फल प्राप्त करती है.