चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्र पर किया…सीमा पर…

इस परियोजना को डायमर-भाषा बांध नाम दिया गया है। यह अनुबंध क्षमता चाइना के नेतृत्व में एक जॉइंट वेंचर के साथ हुआ है जो एक चीनी कंपनी है।

 

इसका दूसरा साझीदार फ्रंटियर वर्क ऑर्गनाइजेशन है जो पाक आर्मी की सहायक कंपनी है। एक तरह से यह चाइना व पाक आर्मी का जॉइंट वेंचर है। जाहिर है यह प्रोजेक्ट दोनों पक्षों के लिए फायदे वाली है। चाइना को अधिक सौदें मिलते हैं व पाक सेना अधिक पैसा कमाती है।

मंगलवार को, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने श्रीलंकाई समकक्ष गोतबाया राजपक्षे से बात की। जिनपिंग बीआरआई के प्रति योगदान का “क्रमिक पुनरुत्थान” चाहते थे।

पाकिस्तान के अखबार डॉन ने बताया कि डायमर-भाषा बांध पर कुछ हफ़्ते में कार्य प्रारम्भ हो जाएगा, जो भारतीय क्षेत्र में बनने वाली बांध परियोजना है।

बता दें कि 1949 से अब तक चाइना 23 क्षेत्रीय विवादों में शामिल रहा है। जिनमें से अब केवल छह ही रह गए हैं जो बीजिंग के लिए क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों को चुभोने के लिए चाइना के रणनीतिक उद्देश्य को पूरा करता है।

चीन के अपने सभी पड़ोसियों के साथ सीमा टकराव हैं, वो भी जमीन व समुद्र दोनों पर। उसके अंतिम छोर पर रहने वालों में से एक हिंदुस्तान है।

गिलगित-बाल्टिस्तान में इस एक बांध का बनाने के लिए $ 5.8 बिलियन का सौदा हुआ है जो कि पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में पड़ता है। तकनीकी रूप से यह भारतीय क्षेत्र है लेकिन हिंदुस्तान की तमाम आपत्तियों के बावजूद चाइना पाक के साथ व्यापार कर रहा है।

जाहिर है चाइना हिंदुस्तान की भी क्षेत्रीय अखंडता की परवाह नहीं करता है। पिछले दो दिनों में ही चीनी सैनिकों ने सिक्किम में सीमा पर भारतीय सैनिकों के साथ झड़पें कीं। इसके अतिरिक्त चीनी हेलीकॉप्टरों ने लद्दाख में हिंदुस्तान के साथ असली नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब उड़ान भरी।

अब, चाइना पाक के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र पर एक बांध बना रहा है। इसके लिए एक चीनी कंपनी ने पाक सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।