चीन के साथ मिलकर नेपाल ने किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल और झलनाथ खनाल ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के इंटरनेशनल डिवीजन के चार घंटे तक चली वीडियो कॉन्फ्रेंस में हिस्सा नहीं लिया.

NCP के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और 30 केंद्रीय नेताओं को काडमांडू स्थित पार्टी ऑफिस में मौजूद रहने के लिए कहा गया था. अलग-अलग प्रांतों के 70 प्रतिनिधि प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए.

एक प्रतिनिधि ने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रशासन और भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं, NCP इंटरनेशनल डिवीजन के डिप्टी हेड विष्णु रिजल ने कहा, “हमें इसकी कोई सूचना नहीं थी कि इस तरह की कोई कॉन्फ्रेंस इतनी जल्दबाजी में हो रही है.”

पार्टी के एक और सीनियर नेता ने कहा, “यह बहुत ही आपत्तिजनक है कि पार्टी अपने चीनी समक्षों के साथ को-होस्ट कर रही है. वो भी ऐसे समय में जब संवैधानिक संशोधन और सीमा विवाद को लेकर भारत-नेपाल के रिश्ते कमजोर हुए हैं. भारत और चीन के बीच भी गंभीर स्तर का तनाव बना हुआ है. इन दोनों देशों की सेनाओं में हिंसक झड़पें हुई हैं.”

नेपाल की सत्ताधारी ‘नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी’ में भारत और चीन के साथ रिश्तों को लेकर फूट पड़ती नजर आ रही है. चीन के साथ संबंध बढ़ाने को लेकर सत्ताधारी पार्टी के कई टॉप नेताओं ने सवाल खड़े किए है. शुक्रवार को नेपाल और चीन के बीच हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में यह फूट साफ दिखी.

इन नेताओं का कहना है कि जब नेपाल के भारत से रिश्ते में खटास आई है और भारत-चीन की सेनाओं के बीच लद्दाख में हिंसक झड़प हुई है, ऐसे में ये कदम क्यों उठाया जा रहा है.