आज जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा ये नेता, अगले 48 घंटे काफी अहम

सुबह डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत में मामूली सुधार है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक ही बनी हुई है। दरअसल, कल अजीत जोगी ने गंगा इमली खायी थी।

 

इसी दौरान गलती से इमली का बीज उनकी सांस की नली में फंस गया था। जिसके बाद उन्हें पहले रेस्पेरेटरी अरेस्ट और फिर कॉर्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा) आ गया था। हालांकि बाद में डॉक्टरों ने उनकी सांस की नली में फंसे इमली के बीज को निकाल दिया था।

अजित जोगी मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं। बाद में वे आईपीएस और फिर उसके दो साल बाद आईएएस बने।

जिसने रिकॉर्ड वक्त तक कलेक्टरी की और फिर फिर एक दिन उसके दुश्मन ने ही उसको सीएम की कुर्सी तक पहुंचाया। ये कहानी है छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की।

1985, शहर इंदौर। रात का वक्त, रेसिडेंसी एरिया स्थित कलेक्टर का बंगला। कलेक्टर साहब सो रहे हैं। अचानक फोन बजता है। दौड़कर एक कर्मचारी उठाता है। बताता है – कलेक्टर साहब सो गए हैं।

पर फोन की दूसरी तरफ से अधिकार भरे स्वर में आदेश आता है – कलेक्टर साहब को उठाइये और बात करवाइये। साहब जगाए जाते हैं। फोन पर आते हैं। दूसरी तरफ से आवाज आती है –

ये फोन था प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पीए वी जॉर्ज का। और फोन उठाने वाले थे अजीत जोगी। नेता नहीं, कलेक्टर अजीत जोगी। पर 2:30 घंटे बाद जब दिग्विजय सिंह कलेक्टर आवास पहुंचे।

तो वो नेता जोगी बन चुके थे। कांग्रेस जॉइन कर ली। कुछ ही दिन बाद उनको कांग्रेस की ऑल इंडिया कमिटी फॉर वेलफेयर ऑफ़ शेड्यूल्ड कास्ट एंड ट्राइब्स के मेंबर बना दिया गया। कुछ ही महीनों में राज्यसभा भेज दिए गए।

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती अजीत जोगी कोमा में हैं। डॉक्टर उनके इलाज में जुटे हैं। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। कार्डियक अरेस्ट के बाद बीते शनिवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

चिकित्सकों के मुताबिक हालत में थोड़ा सुधार जरूर हुआ है, लेकिन स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है। आईसीयू में ही उनका इलाज जारी है। अजीत जोगी के लिए अगले 48 घंटे काफी अहम माने जा रहे हैं।