चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका इस देश में भेज रहा ये खतरनाक हथियार , पहुच सकता आज रात…

झाओ ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये चीन ने अमेरिका की उन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जो ताइवान को हथियारों की आपूर्ति में संलिप्त थीं.’

 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह प्रतिबंध 21 अक्टूबर को ताइवान को 1.8 बिलियन डॉलर के हथियारों को बेचने पर लगाया गया है.

इसमें सेंसर, मिसाइल और तोपखाने (ऑर्टिलरी) शामिल हैं. उन्होंने कहा कि चीन के पास ताइवान को हथियार बेचने वाली कंपनियों को दंडित करन का पूरा अधिकार है.

चीन ने पहले ही दी थी धमकीचीन पहले से ही अमेरिका को हथियारों को बेचने पर कार्रवाई करने की धमकी दे रहा था. हालांकि उसने पहले कभी नहीं बताया था कि वह किस प्रकार की कार्रवाई करेगा.

अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को घोषणा की कि उसने ताइवान को उसकी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 135 टारगेटेड ग्राउंड अटैक मिसाइल, सैन्य उपकरण और प्रशिक्षण संबंधी चीजों की बिक्री को हरी झंडी दे दी है. विभाग ने एक बयान में कहा था है कि यह सौदा एक अरब डॉलर से अधिक का है.

स डील में ताइवान को एफ- 16 फाइटर जेट के लिए एडवांस सेंसर, समुद्र में दुश्मन के युद्धपोतों को बर्बाद करने के लिए सुपरसोनिक लो एल्टिट्यूड मिसाइल और हैमर्स रॉकेट दिए जाएंगे.

पिछले साल ही अमेरिका ने ताइवान को 66 एफ-16 लड़ाकू विमान देने की डील की थी. साल 2020 में डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ताइवान को लेकर बेहद आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है और इन हथियारों की बिक्री से चीन के साथ उसके संबंध बेहद न‍िचले स्‍तर तक पहुंच जाएंगे.

विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि बोइंग डिफेंस, लॉकहीड मॉर्टिन और रेथियॉन भी प्रभावित होगी. हालांकि उन्होंने यह विवरण नहीं दिया कि क्या पाबंदियां लगाई जा सकती हैं और कब.

चीन और ताइवान 1949 के गृहयुद्ध में विभाजित हो गए थे और उनमें कोई कूटनीतिक रिश्ता नहीं है. चीन दावा करता है कि लोकतांत्रिक नेतृत्व वाला द्वीप उसके मुख्य भू-भाग का हिस्सा है और उस पर आक्रमण की धमकी देता है.

ताइवान (Taiwan) को हथियार बेचने पर चीन ने अमेरिका की तीन बड़ी हथियार निर्माता कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के ऐलान कर दिया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि अमेरिका की बोइंग डिफेंस (Boeing defense), लॉकहीड मॉर्टिन (Lockheed martin) और रेथियॉन (Raytheon) आने वाले दिनों में चीन में कोई व्यापार नहीं कर पाएंगी. इन तीनों कंपनियों के बने हुए हथियारों को ही अमेरिका ने ताइवान को बेचा है जिसके बाद चीन काफी भड़का हुआ है.