माइग्रेन की समस्या को दूर करने के लिए करे ऐसा…

माइग्रेन बचपन में शुरू होकर चार चरणों में विकसित होता है. हालांकि, उसके कारणों को पूरी तरह समझा नहीं जा सका है, लेकिन जेनेटिक्स और पर्यावरणीय कारकों की भूमिका से इंकार भी नहीं किया जा सकता है.

जीवनशैली अप्रत्याशित तौर पर इंसानों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने की क्षमता रखती है. अस्वस्थ जीवनशैली के कारण माइग्रेन होने का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है. उसी तरह, जीवनशैली में स्वस्थ परिवर्तन करने से माइग्रेन की रोकथाम में मदद मिल सकती है. जीवनशैली में किए जानेवाले कुछ बदलावों को जानना चाहिए.

माइग्रेन के साथ रहनेवाले लोगों का समर्थन करने या बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने फैलाने के लिए लोगों को जून में कार्य स्थल पर बैंगनी पहनने को कहा जाता है- काम चाहे वर्क फ्रॉम होम हो या किसी दफ्तर में. ये गंभीर टीस मारनेवाले दर्द की वजह हो सकता है, आम तौर से सिर के एक तरफ.

उसके साथ अक्सर मतली, उल्टी और मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देना, आंखों के सामने काले धब्बे, स्किन में चुभन और कमजोरी आती है.

माइग्रेन का हमला कई घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है, इस दौरान दर्द इतना भयानक हो जाता है कि सामान्य कामकाज करना मुश्किल हो जाता है.