डॉक्टरों का बोलना है कि सर्दियों में खांसी, जुकाम व बुखार के अतिरिक्त हृदयघात, ब्रेन स्ट्रोक व अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है. शोध के मुताबिक सर्दियों में ठंड बढ़ने से ह्रदय रोगियों को दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
बरते ये सावधानियां-
-नमक का सेवन कम करें. मक्खन और घी का इस्तेमाल भी सीमित मात्रा में करें
-इस मौसम में तरल पदार्थ लेते रहें. ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पिएं
-व्यायाम बेहद महत्वपूर्ण है. पसीना नहीं निकलेगा तो दिल के दौरे का खतरा रहेगा
-प्रदूषणके कारण घर के अंदर व्यायाम करें
-अधिक वसा युक्त चीजें और सिगरेट, शराब आदि का सेवन न करें
-30% तक बढ़ा जाता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
-50% तक बढ़ता है दिल का दौरा पड़ने का खतरा
ह्रदय रोगी ध्यान रखें
दिल रोग से पीड़ितों को अधिक जोखिम रहता है. ठंड में शरीर गर्म होने के लिए अलावा काम तो करता है, लेकिन इस दौरान धमनियों में कोलेस्ट्राल जमने से इसके संकुचित होने की संभावना होती है.
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
-अचानक शरीर के एक भाग में कमजोरी आना. ’ मांसपेशियों का विकृत हो जाना. ’ समझने या बोलने में कठिन होना. ’ चलने में कठिन आना, आकस्मित सिरदर्द होना. ’ हाथों का सुन्न हो जाना या लटक जाना.
बचाव :
-नियमित रूप से व्यायाम करें.