कोरोना से बचने के लिए करे ये काम, फेस लगाए पूरी तरह…

शोधपत्र के मुख्य लेखक सिद्धार्थ वर्मा हैं. वर्मा को इस शोध में प्रोफेसर धनक जॉन फ्रैंकफील्डका भी साथ मिला है. फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स एकेडेमिक जर्नल में प्रकाशित इस शोध में N-95 मास्क के बारे में बताया गया है.

 

शोधपत्र में बोला गया है कि इसमें उपस्थित एक्सहेलेशन वाल्व की सहायता से बड़ी संख्या में ड्रॉपलेट्स इनमें से होकर आप तक पहुंच सकते हैं व फिर आप मास्क पहनने के बावजूद भी संक्रमित हो सकते हैं.

फ्लोरिडा अटलांटिक यूनिवर्सिटी ( FAU ) में सीटेक के निदेशक, प्राध्यापक, डिपार्टमेंट ऑफ चेयर मनहर धनक ने बताया है कि फेस शील्ड के वाइजर से टकरा कर वायरस से भरे सूक्ष्म ड्राॅपलेट्स हर दिशा में व ज्यादा एरिया कवर करते हुए फैल जाते हैं. हालांकि वक्त की अधिकता के साथ इनके प्रभाव में कमजोरी आती जाती है.

अपने शोधपत्र में शोधकर्ताओं ने बताया है कि छींकने या खांसने अथवा बात करने के दौरान मुंह से निकलने वाले सूक्ष्म कणों को रोकने में नियमित मास्क के मुकाबले वॉल्व लगे फेस मास्क या फेस शील्ड ज्यादा प्रभावी नहीं है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि वॉल्व वाले फेस मास्क से कोरोना वायरस को समाप्त करने के कोशिश बाधित हो सकते हैं.

भारतीय-अमरीकी शोधकर्ताओं द्वारा किए एक शोध में यह चेतावनी दी गई है कि एक्सहेलेशन वाल्व वाले N-95 मास्क ( N-95 mask with exhalation valve ) के साथ फेस शील्ड पहनने के बाद भी कोरोना की चपेट में सरलता से आया जा सकता है.

शोधकर्ताओं ने बोला है कि यदि कोई कोरोना संक्रमित आदमी खांसता या छींकता है तो उसके छीटों से निकलने वाले वायरस फेस शील्ड की दीवारों में घूमता रहता है.

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क व फेस शील्ड का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है. लेकिन एक शोध में बहुत ही दंग व परेशान करने वाली बात सामने आई है. दरअसल, एक शोध में ये पता चला है कि फेस मास्क व फेस शील्ड भी कोरोना वायरस को रोकने में सक्षम नहीं है.

कोविड-19 महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है व इसस लड़ने के लिए तमाम तरह के तरीका किए जा रहे हैं. इस जानलेवा वायरस के खतरे से बचने के लिए वैक्सीन बनाने की दिशा में कार्य किया किया जा रहा है.