सिर में दर्द की समस्या को दूर करने के लिए पुदीने का तेल काफी प्रभावी

अक्सर देखा जाता हैं कि लोग बिमार होते ही डॉक्टर के पास पहुंच जाते हैं और कई सारी दवाइयों का सेवन करने लग जाते हैं जो कि सेहत कई अन्य तरीकों से नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में में आम बिमारियों में घरेलू नुस्खों की मदद लेना ही सही रहता हैं। आज हम आपको ऐसे देसी नुस्खें बताने जा रहे हैं जिन्हें खुद वैज्ञानिक और डॉक्टर आजमाते हैं क्योंकि इनसे आसानी से बिमारियों से निजात मिलता हैं। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में।

सिर दर्द के लिए पुदीने की चाय

सिर में दर्द की समस्या को दूर करने के लिए पुदीने का तेल काफी प्रभावी उपचार होता है। इस तेल को लें तथा इसमें पानी मिलाकर इसे डाइल्यूट कर लें। इसे अपने सिर पर लगाएं तथा अच्छे से मालिश करें। यह न सिर्फ दर्द को दूर करता है, बल्कि सिर के उस भाग को सुकून भी प्रदान करता है।

अनिद्रा दूर करे कैमोमाइल चाय

कैमोमाइल के फूल से बनी इस हर्बल टी में ठंडक और आराम देने वाले गुण होते हैं। प्राचीन समय में मिस्र के लोगों द्वारा इन फूलों को उगाया जाता था। तभी से इसके औषधीय गुणों के कारण इसका प्रयोग किया जाता आ रहा है। दुनिया भर के लोग स्‍वास्‍थ्‍य लाभों की विस्‍तृत श्रृंखला के कारण कैमोमाइल चाय पीते हैं। कैमोमाइल टी गैस और मांसपेशियों के खिंचाव से राहत देती है। इसके सेवन से अनिद्रा से राहत मिलती है। महिलाओं में अनियमित माहवारी में भी यह फायदेमंद है। और तो और किडनी और तिल्ली से जुड़ी परेशानियों में भी इसके सेवन से राहत मिलती है।+

वजन घटाने के लिए शहद-नींबू की चाय

शहद-नींबू की चाय एक स्वास्थवर्धक और कैलोरी-मुक्त पेय है, जो इसे वजन-घटाने के आहार के लिए अच्छा पेय बनाती है। विशेष रूप से हरी चाय, वजन घटाने पर कुछ प्रभाव डालती है, लेकिन यह अकेले ही वजन कम करने के लिए पर्याप्त नहीं है, इसलिए आप इसमें शहद-नींबू को मिला कर इसका आनंद और स्वाद बढ़ा सकते हैं। इसे वजन घटाने के लिए भी अपनी आहार-योजना में शामिल कर सकते हैं क्योंकि यह कम कैलोरी आहार और व्यायाम है। शहद-नींबू की चाय, लिवर को शुद्ध और विष मुक्त करती है।

ज्‍यादा बीमार हों तो स्‍पंज बॉथ

स्‍पंज बाथ उन व्‍यक्तियों को कराते हैं जो ज्‍यादा बीमार होते हैं। खासतौर से इसका प्रयोग बुखार से पीडि़त व्‍यक्तियों के लिए होता है। रोगी के पूरे शरीर एक चादर से ढ़क दें। अब भीगे हुए तौलिए या दस्‍ताने रोगी के पूरे शरीर को रगड़कर साफ करें। इसके बाद उसकी कमर को स्‍पंज करें। फिर रोगी के पैर व सिर को पोंछकर सुखा लें। इसके बाद शरीर को सुखा लें।