इस साल जमकर बरसेंगे बादल, ला नीना प्रभाव के चलते सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून

 नई दिल्ली:  भारत में इस साल मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल पूरे देश में औसतन 87 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है। ला नीना प्रभाव के चलते इस साल देश में मानसून अच्छा रहेगा। अगस्त-सितंबर में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।

सामान्य से बेहतर रहेगा मानसून
भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख ने बताया कि साल 1951 से लेकर 2023 तक का डाटा देखने से पता चलता है कि देश में नौ बार मानसून सामान्य से बेहतर रहा है। ला नीना प्रभाव के चलते ही ऐसा हुआ। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने कहा कि ‘1971 से 2020 तक के बारिश के आंकड़ों के अनुसार, हमने नया दीर्घकालिक औसत और सामान्य पेश किया है। इस सामान्य के अनुसार, 1 जून से 30 सितंबर तक पूरे देश की कुल वर्षा का औसत 87 सेमी होगा।’ देश में चार महीनों तक (जून से सितंबर तक) सामान्य से ज्यादा बारिश होगी और 106 प्रतिशत तक होगी। जलवायु विज्ञानियों का कहना है कि बारिश के दिनों में कमी आ रही है, जबकि भारी बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके चलते ही बाढ़ और सूखे की समस्या देखने को मिल रही है।

अल नीनो प्रभाव के चलते बीते साल कम हुई बारिश
अभी देश में अल नीनो प्रभाव का असर है, लेकिन अगस्त-सितंबर में इसके ला नीना प्रभाव में बदलने का अनुमान है। उत्तरी गोलार्द्ध में बर्फबारी भी कम हुई है और ये परिस्थिति भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के पक्ष में है। अल नीनो प्रभाव के चलते साल 2023 में भारत में 820 मिमी बारिश हुई थी, जो कि सामान्य से कम थी। यह दीर्घ अवधि के औसत 868.6 मिमी से भी कम थी। साल 2023 से पहले चार वर्षों में मानसून के दौरान भारत में सामान्य और सामान्य से बेहतर बारिश दर्ज की गई थी।

अल नीनो प्रभाव में मध्य प्रशांत महासागर की सतह का पानी गर्म होता है, इसके चलते मानसूनी हवाएं कमजोर होती हैं और भारत में सूखे के हालात पैदा होते हैं। ला नीना प्रभाव में पूर्व से पश्चिम की तरफ हवाएं तेज हो जाती हैं, जिससे समुद्र की सतह का गर्म पानी पश्चिम की तरफ चला जाता है। इसके चलते समुद्र का ठंडा पानी ऊपर सतह पर आ जाता है, जिससे पूर्वी प्रशांत महासागर क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से अधिक ठंडा हो जाता है।