परमबीर सिंह की चिट्ठी पर शरद पवार ने उठाया ये बड़ा सवाल, कहा – कैसे हुआ ये…

एक बार फिर कहा कि जब ये बात साफ हो गई है कि जिस समय की बात परमबीर सिंह ने अपने आरोप में कर रहे हैं उस वक्‍त देशमुख अस्‍पताल में थे, ऐसे में उनके इस्‍तीफे की बात ही कहीं नहीं आती है.

 

शरद पवार ने कहा कि परमबीर सिंह का दावा पूरी तरह से गलत है. उधर एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों पर कई तरह के सवाल उठाए हैं.

नवाब मलिक ने कहा, परमबीर सिंह की चिट्ठी उनके ट्रांसफर के बाद लिखी गई है. उन्होंने ये चिट्ठी पहले क्यों नहीं लिखी. ‘ नबाव मलिक ने बताया कि फरवरी में देशमुख अस्पताल में भर्ती थे उसके बाद वे होम क्वारंटीन में चले गए. उन्‍होंने कहा कि ये सब सरकार को बदनाम करने की साजिश है.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि 5 से 15 फरवरी तक महाराष्‍ट्र्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख अस्‍पताल में भर्ती थे और 15 फरवरी से 27 फरवरी तक वह घर पर ही कोरोनो की जंग लड़ रहे थे.

उन्‍होंने परमबीर सिंह के आरोपों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले एक महीने से वो चुप क्‍यों थे? अगर उन्‍हें गृहमंत्री की बात सही नहीं लगी थी तो उस समय क्‍यों नहीं बोले?

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी (Param bir Singh) ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज कर दी है. हालांकि अब अनिल देशमुख के पक्ष में एनसीपी आ गई है.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि जिस समय परमबीर सिंह से अनिल देशमुख के मिलने की बात कही जा रही है, उस वक्‍त वह अस्‍पताल में भर्ती थे.

उन्‍होंने कहा कि हमारे पास रिकॉर्ड है कि जिस समय की बात मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर कर रहे हैं, उस वक्‍त अनिल देशमुख नागपुर में कोरोना का इलाज कराने के लिए अस्‍पताल में भर्ती थे.