अमेरिका के हमले में मारे गए ईरान के कमांडर कासिम सुलेमानी की बेटी जेनब सुलेमानी ने बोला है कि उनके पिता की मृत्यु ने उन्हें ‘तोड़’ नहीं पाएगीऔर अमेरिका को यह जान लेना चाहिए कि उनका खून बेकार नहीं जाएगा। वहीं उन्होंने बोला कि वह जानती हैं कि हिजबुल्ला नेता हसन नस्त्रल्लाह उनके पिता की मृत्यु का बदला लेंगे।
ट्रंप मारे गए ईरानी कमांडर की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता: वहीं इस बात की जानकारी मिली है कि जेनब ने लेबनान के ‘अल-मनार टीवी’ को बताया कि ‘घटिया’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मारे गए ईरानी कमांडर की उपलब्धियों को मिटा नहीं सकता। जंहा बीते रविवार को प्रसारित संक्षिप्त इंटरव्यू में जेनब सुलेमानी ने बोला कि ट्रंप को हौसला नहीं है, क्योंकि उनके पिता को एक फासले से मिसाइल से निशाना बनाया गया। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति को उनके सामने खड़ा होना चाहिए था।
अमेरिका ने 52 ठिकाने ही क्यों चुने: सूत्रों का बोलना है कि सवाल इस वस्तु पर है कि मेरिका ने ईरान के 52 ठिकाने ही हमले के लिए क्यों चुना है? ट्रंप ने अपने ट्वीट में बोला कि 52 अंक उन लोगों की संख्या को दर्शाता है, जिन्हें एक वर्ष से अधिक समय तक तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास में 1979 में बंधक बनाकर रखा गया था। ट्रंप ने यह भी बोला कि इनमें से कुछ जगह ईरानी संस्कृति के लिए बहुत जरूरी हैं। उन लक्ष्यों पर व ईरान पर बहुत तेजी से व बहुत जोरदार ढंग से हमला किया जाएगा। अमेरिका कोई व खतरा नहीं चाहता है।
ईरान ने ट्रंप को सूट में आतंकवादी बताया: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ट्रंप की टिप्पणियों का जवाब देते हुए ईरान के सूचना व दूरसंचार मंत्री मुहम्मद जवाद अजरी जहरोमी ने उनकी तुलना आइएस, हिटलर व चंगेज खान से की व उन्हें सूट में आतंकवादी करार दिया। ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने ट्वीट किया, ‘शुक्रवार के कायराना हमले में अंतर्राष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन किया गया। ट्रंप ने फिर से ऐसा उल्लंघन करने की धमकी दी है, लेकिन, सांस्कृतिक स्थलों को निशाना बनाना एक युद्ध क्राइम है। चाहे जैसे भी हो पश्चिम एशिया में अमेरिका की मौजूदगी खत्म हो चुकी है। ‘