नेपाल में भारत के खिलाफ बनाया जा रहा ये, सामने आई ये तस्वीर

लोकगीतों के सहारे से सीमा पार भारत के खिलाफ माहौल बनाने की इस तरह की कोशिशों पर भारतीय सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियां भी नजर रखे हुए हैं।

 

नेपाल में गीतों के सहारे भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कालापानी विवाद गर्माने से पहले ही शुरू हो गई थी। यू ट्यूब चैनल पर इन गीतों को अपलोड किए जाने की तारीख से यह बात पुष्टि हो रही है।

हालांकि दादागिरी छोड़ भारत गीत कालापानी विवाद गर्माने के बाद दो माह पहले 30 मई को ही यूट्यूब पर अपलोड हुआ है, लेकिन नेपाली गायिका पूर्णकला बिसी और गायक मनोज सिंह धामी के हम्रो हो लिपुलेख हम्रो हो, यो टनकपुर, अल्मोड़ा हम्रो हो गीत यू ट्यूब चैनल पर 11 नवंबर 2019 को अपलोड हुआ था।

नेपाली लोकगायक और गायिका का श्समझना लामिछाने मगर के ‘दादागीरी छोड़ भारत, हमलाई आउछ कुटनीति को कुरा’ (दादागिरी छोड़ भारत, हमें भी आती है कूटनीति की बात) गीत और यू ट्यूब चैनल पर चल रहे नेपाली गायिका और गायक के ही ‘कालापानी हम्रो हो, लिपुलेख हम्रो हो, यो टनकपुर, अल्मोड़ा हम्रो हो…’ जैसे गीतों से भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।

वहीँ एमएफ चैनलों में भी इन्हें खूब बजाया जा रहा। ऐसे गीत न सिर्फ यू ट्यूब चैनल में चल रहे हैं, बल्कि नेपाल के एमएफ चैनलों में भी इन्हें खूब बजाया जा रहा है।

यू ट्यूब चैनल में चल रहे इन गीतों पर जहां नेपाल के दर्शकों की ओर राष्ट्रीयता पर कमेंट्स किए जा रहे हैं वहीं, भारत के दर्शकों की ओर से भी कमेंट्स कर इसका कड़ा जवाब देते हुए नेपाल को चीन के बहकावे में नहीं आने की सलाह भी दी जा रही है।

कालापानी विवाद को लेकर भारत को आंख दिखा रहे नेपाल में अब लोकगीतों के सहारे भारत विरोध माहौल बनाने की साजिश रची जा रही है।

यू ट्यूब चैनल पर नेपाली लोक कलाकारों के कई ऐसे गीत गूंज रहे हैं, जिसमें न सिर्फ कालापानी बल्कि टनकपुर, नौलापानी और अल्मोड़ा को भी नेपाल का हिस्सा होने का दावा किया गया है।