पंजाब में CM पद की रेस से बाहर हुआ ये नेता , कहा हिंदू होने की वजह से…

पंजाब में विधानसभा चुनाव की तारीख अब नजदीक है। कांग्रेस पार्टी में अभी मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर माथापच्ची चल रही है। इस बीच सीएम पद की रेस से बाहर हो चुके पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ का अब दर्द छलक गया है।

सुनील जाखड़ ने कहा है कि हिंदू होने की वजह से उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। सुनील जाखड़ ने यह भी कहा कि हिंदू होने की वजह से रिजेक्ट किये जाने के बाद से परेशान थे।

सुनील जाखड़ ने बातों ही बातों में दिल्ली में बैठे पार्टी नेताओं पर भी निशाना साधा है। India Today TV से बातचीत में सुनील जाखड़ ने कहा, ‘यह काफी आघात पहुंचाने वाला था कि दिल्ली में बैठे सलाहकार यह कहते हैं कि सीएम पद के लिए सिख चेहरा उपयुक्त होगा। पंजाब एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘दिल्ली में बैठे सलाहकार सही सलाह नहीं दे रहे हैं। यह ठीक है कि मुझे कहा गया कि मैं सीएम फेस नहीं हूं, अगर मैं विधायक नहीं हू तो, लेकिन इसलिए नहीं कि मैं पंजाबी हिंदू हूं। आपने पूरे समुदाय को आघात पहुंचाया है।’

सुनील जाखड़ ने कहा कि एक दलित को सीएम उम्मीदवार बनाना सही चुनाव है तो फिर पार्टी को लगातार उन्हें सपोर्ट करना चाहिए। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का सीएम चेहरा कौन होगा? पार्टी को यह जल्द से जल्द तय करना चाहिए। इधर सूत्रों के हवाले से पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी आज किसी भी वक्त पंजाब विधानसभा चुनाव में अपने सीएम फेस का ऐलान कर सकती है लेकिन अब ऐसी खबरें सामने आई हैं कि आज पार्टी सीएम फेस का ऐलान नहीं करेगी।

अभी कुछ ही दिनों पहले राहुल गांधी ने जालंधर में एक वर्चुअल रैली के दौरान कहा था कि पार्टी जल्दी ही अपने सीएम फेस का ऐलान करेगी। राहुल गांधी ने कहा था कि कार्यकर्ताओं से विचार-विमर्श कर सीएम के चेहरे का ऐलान किया जाएगा। इससे पहले सीएम फेस को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने जालधंर में राहुल गांधी से इशारों-इशारों में कहा था कि वो बताएं कि चुनाव में पार्टी का चेहरा कौन होगा।

सुनील जाखड़ का दर्द छलकने से पहले पंजाब विधानसभा चुनाव में चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की राजनीतिक लड़ाई भी पार्टी को लगातार असहज बना रही थी। कहा जा रहा था कि सीएम पद को लेकर पार्टी के इन दोनों नेताओं के बीच अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि, पार्टी के नेता दोनों ही नेताओं के बीच किसी प्रकार की मतभेद से इनकार कर रहे थे।