इस नेता को लगा बड़ा झटका, सीएम पद से देना पड़ सकता है इस्तीफा, जानिए क्या है वजह

ऐसे में सरकार पर संवैधानिक संकट गहरा गया है। अगर सीएम उद्धव और गठबंधन सरकार इस परेशानी का तोड़ नहीं निकाल पाते हैं तो उद्धव को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

 

गौरतलब है कि आर्टिकल 164 के मुताबिक संविधान किसी भी Non Legislator को 6 महीने के लिए मंत्री, मुख्यमंत्री बनने की अनुमति देता है।

कोरोना की शुरुआत के पहले उद्धव ठाकरे का चुनाव लड़ना तय था। 26 मार्च को 9 सीटों पर चुनाव होने जा रहे थे, जिसमें सीएम उद्धव भी उतर रहे थे। लेकिन कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग ने चुनाव को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।

महाराष्ट्र सरकार के थिंक टैक ने इस परेशानी का रास्ता निकालते हुए राज्यपाल बीएस कोशियारी से उद्धव ठाकरे को राज्यपाल कोटे से सदन का सदस्य बनाने की अपील की है।

बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा काउंसिल में गवर्नर 2 सदस्यों को नॉमिनेट कर सकता है। आर्टिकल 171 के मुताबिक गवर्नर लिटरेचर, साइंस, आर्ट, कोऑपरेटिव मूवमेंट, सोशल सर्विस के क्षेत्र से जुड़े लोगों को नाॉमिनेट कर सकते हैं।

हालांकि इस किसी भी कैटेगरी में उद्धव ठाकरे सीधे तौर पर नहीं आते हैं, लेकिन उन्हें सामाजिक कार्यों के लिए जरूर नॉमिनेट किया जा सकता है।

वर्तमान में जो स्थिति बन रही है उसके हिसाब से उद्धव ठाकरे 28 मई तक MLC नहीं बन सकते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या उद्धव ठाकरे अपने पद से इस्तीफा देंगे? बता दें कि उद्धव 28 मई के बाद किसी भी हाउस को Continue नहीं कर सकते हैं।

हालांकि, तकनीकी तौर पर उनके द्वारा 27 मई को इस्तीफा देने के बाद दोबारा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है और उन्हें 28 मई को दोबारा नए सिरे से शपथ दिलाई जा सकती है।

कोरोना संक्रमण के चलते देश में इस वक्त संकट गहराया हुआ है। महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के लिए राजनीतिक संकट भी खड़ा होता नजर आ रहा है। वहीं प्रदेश पर संवैधानिक संकट दिखाई दे रहा है।

दरअसल, सीएम पद की शपथ लेने वाले उद्धव ठाकरे अब तक महाराष्ट्र विधानसभा के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। का चुनाव नहीं जीते हैं।

उन्हें पदभार ग्रहण करने के 6 महीने के भीतर ही चुनाव जीतना अनिवार्य है। उद्धव ने 28 नवंबर को सीएम पर की शपथ ली थी, 6 महीने 28 मई को पूरे होंगे। वहीं दूसरी ओर कोरोना के चलते बने वर्तमान हालातों को देखते हुए चुनाव होना बेहद मुश्किल नजर आ रहा है।