इस महिला ने निर्भया के दोषियों को बताया ऐसा, लोगो के सामने जाहिर की ये इच्छा

हालांकि ऐसा होने की भी आशंका कम है क्योंकि निर्भया गैंगरेप के बाद से ही देश में आक्रोश है और ऐसे मामलों में राष्ट्रपति का दया मिलने का अवसर बहुत कम है। इसी बीच महिला समाजिक कार्यकर्ता और ‘परी’ एनजीओ की संस्थापक योगिता भयाना एक बार फिर चर्चा में हैं।

 

दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी होने से पहले योगिता भयाना ने दिल्ली के राज्यपाल को पत्र लिखा था जिसके बाद वह चर्चा में आ गई थीं।

योगिता ने राज्यपाल से दोषियों को फांसी देने के लिए उन्हे जल्लाद के रूप में नियुक्त किए जाने की मांग की थी। एक बार फिर अब योगिता भयाना केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है लेकिन उन्होंने ने इस बार जल्लाद बनने की इच्छा नहीं जाहिर की है।

बता दें कि महिला समाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना रेप पीड़िताओं को समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करती हैं। वह भी निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की मांग करती आई हैं।

गुरुवार को उन्होंने इसी सिलसिले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को एक पत्र लिखा। उन्होंने स्मृति ईरानी से मांग की है कि 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले के दोषियों को फांसी की सजा के दिन को ‘बलात्कार रोकथाम दिवस’ के रूप में घोषित किया जाए।

निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों के खिलाफ कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद उनको फांसी पर लटकाए जाने की तैयारिया जेल में शुरू हो चुकी है।

फांसी की सजा से बचने के लिए दोषियों ने सभी कानूनी हथकंडे अपना लिए अब उनको फांसी पर चढ़ने से सिर्फ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ही बचा सकते हैं।