यूपी में समाजवादी पार्टी की हार की ये है बड़ी वजह, जानिए कैसे कम हुए वोट

विधानसभा चुनाव में बसपा के 89 मुस्लिम प्रत्याशियों के मैदान में उतरने और मुस्लिम मतों का बंटवारा होने से समाजवादी पार्टी को नौ सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। ये सभी भाजपा ने जीती हैं।

बसपा के मुस्लिम प्रत्याशियों को मिले वोट अगर सपा को मिलते तो सपा इन सीटों को जीत जाती। अलीगढ़, बहराइच, बिसवां, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, कानपुर कैंट, कोल, मेरठ दक्षिण, मोहम्मदी और मुरादाबाद नगर की सीटें हैं, जहां सपा के मुस्लिम उम्मीदवारों के सामने बसपा ने भी इस वर्ग के उम्मीदवारों को उतारा।

सपा ने विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण के आधार पर उम्मीदवार उतारे। शुरुआती दौर से यह मानकर चला जा रहा था कि यादव और मुस्लिम वोटों में बंटवारा नहीं होगा। इस दोनों जाति का वोट इकतरफा सपा को मिलेगा। सपा के साथ ही बसपा ने भी मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाया।

प्रदेश की नौ ऐसी सीटें रहीं जहां पर सपा के मुस्लिम उम्मीदवारों के सामने बसपा ने भी इसी बिरादरी के उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। बसपा के उम्मीदवार भले ही नहीं जीत पाए पर वोटों का बंटवारा होने से सपा उम्मीदवारों का जरूर नुकसान हुआ। उदाहरण के तौर पर देखा जाए तो बहराइच सीट पर सपा के याशर शाह के सामने बसपा ने नईम को उतार दिया। सपा प्रत्याशी भाजपा उम्मीदवार अनुपमा जायसवाल से 4078 वोट से हार गए।

भाजपा सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी सपा में आए और अपनी परंपरागत सीट नकुड़ से चुनाव लड़े। बसपा ने इनके खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार उतारा। इसके चलते धर्म सिंह सैनी 315 वोटों से हारे। सीतापुर की महमूदाबाद विधानसभा सीट से दो बार के विधायक रहे नरेंद्र वर्मा भी मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने से हार गए। वर्ष 2012 के चुनाव में कांग्रेस से जीतकर विधायक बनी माधुरी वर्मा वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर जीती थीं। इस बार वह सपा के टिकट पर लड़ी और मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने से हार गईं।