चीन और अमेरिका के बीच आई ये नयी मुसीबत, निपटने के लिए उतारी सेना

इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के मद्देनजर अमेरिका ने निर्धारित किया था कि, ‘हांगकांग लम्बे समय तक चाइना के विषय में अलग दर्जा प्राप्त करने के मुद्दे में पर्याप्त रुप से स्वायत्त नहीं रहेगा’। अमेरिका में आने वाले चुनावों को जीतने के लिए ट्रम्प ने चाइना पर कई मोर्चों से हमला बोल दिया है।

 

इस कदम के बाद, अमेरिकी सीमा शुल्क विभाग औऱ सीमा सुरक्षा नोटिस के मुताबिक हांगकांग की कंपनियां भी उसी ‘वॉर टैरिफ’ का भुगतान करेंगी, जोकि चाइना की कंपनियों पर लगाया जाता है। अब से 45 दिन के बाद सभी सामान ‘जो हांगकांग से अमेरिका आएंगी, उन सभी पर मेड इन चाइना का मार्क’ लगा होगा।

इस कानून के हांगकांग में लागू करने का प्रभाव ये हुआ कि अमेरिका ने इस पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश का स्पेशल स्टेट्स समाप्त कर दिया। ये तब हुआ जब पहले से ही दोनों राष्ट्रों के बीच रिश्तों में पहले ही तनाव बना हुआ था व अमेरिका कोविड-19 से निपटने को लेकर चाइना की कड़ी आलोचना में जुटा हुआ था।

ये निर्णय तब हुआ है, जब हांगकांग में चाइना के विवादित नेशनल सिक्योरिटी लॉ लागू करने से दोनों राष्ट्रों के बीच माहौल तनावपूर्ण हो गया है। इस कानून को ‘एक देश दो व्यवस्था’ के उस सिद्धांत की अवहेलना के तौर पर देखा जा रहा है, जिसके आधार पर ब्रिटेन ने चाइना को हांगकांग लौटाया था।

चाइना व अमेरिका के बीच पहले से ही चले आ रहे झगड़े में अब एक नयी बात हुई है। मंगलवार को अमेरिकी सरकार के एक नोटिस के मुताबिक, 25 सितम्बर से हांगकांग में बनने

वाली सारी वस्तुएं जो अमेरिका निर्यात करने के मकसद से बनाई गई हैं, उन सभी पर Made in Hong Kong के बजाय Made in China का लेबल चिपकाया जाएगा।