उत्तर प्रदेश में बसपा (बसपा) को तगड़ा झटका लगा है. बीएसपी सुप्रीमो व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के करीबी त्रिभुवन राम व पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. विनोद सिंह दिवंगत कांग्रेस पार्टी नेता के। एन। सिंह के पुत्र हैं. वह बीएसपी सरकार में मंत्री थे व सुल्तानपुर के रहने वाले हैं.
वहीं मायावती के कार्यकाल में इंजीनियर से नेता बने त्रिभुवन राम पीडब्ल्यूडी के चीफ थे. इसके साथ ही वह लखनऊ व नोएडा में बनाए गए दलित स्मारकों व पार्कों के प्रभारी भी थे. पीडब्ल्यूडी चीफ रहने के दौरान मायावती सरकार ने उनका कार्यकाल दो बार आगे बढ़ाया था. गत गुरुवार को राम ने प्रेस वालों से बोला था कि बीएसपी अपने जातिवादी नजरिए की वजह से अपनी प्रासंगिकता गंवा रही है. उन्होंने बोला था कि, ‘दलित आइकन बी। आर। आंबेडकर व बीएसपी निर्माणकर्ता कांशी राम का बोलना था कि एक पार्टी गरीबों व दलितों की मदद तभी कर सकती है जब वह सत्ता में हो. बीएसपी ने सत्ता में रहते हुए भी इस बात का पालन नहीं किया.‘
राम व विनोद सिंह ने बोला कि वे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की गरीब समर्थक नीतियों व यूपी में योगी आदित्यनाथ के शासन से बेहद प्रभावित हैं. यूपी बीजेपी इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बोला कि दोनों नेता पार्टी को सशक्त करेंगे व इसे आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने बोला कि, ‘हमें उम्मीद है कि वे गरीबों व दलितों के लिए काम करना जारी रखेंगे.‘