लॉकडाउन में पैदल ही घर की राह को निकले अनेक प्रवासी मजदूरों के सामने खड़ा हुआ ये संकट

 हिंदुस्तान में अक्षय पात्र फाउंडेशन भी इस संकट में लोगों की मदद के लिए आगे आया है. पहले लॉकडाउन से अब तक साढे चार करोड़ से ज्यादा लोगों को यह संगठन भोजन करा चुका है. देश में 55 स्थानों पर अक्षय पात्र की रसोई में भोजन पकता है व खाली पेट की क्षुधा शांत करता है.

इस संकट में लोगों की मदद के लिए आगे आया है. पहले लॉकडाउन से अब तक साढे चार करोड़ से ज्यादा लोगों को यह संगठन भोजन करा चुका है. देश में 55 स्थानों पर अक्षय पात्र की रसोई में भोजन पकता है व खाली पेट की क्षुधा शांत करता है.

ऐसे प्रारम्भ हुआ : साल 2000 में अक्षय पात्र 5 स्कूलों के 1500 बच्चों को मिड-डे मील खिलाने से प्रारम्भ हुआ. बेंगलुरु स्थित इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष पद्मश्री मधुपंडित दास ने देखा कि कुछ बच्चे प्रतिदिन मंदिर में आते हैं व खाना खाते हैं.