इण्टरनेट पर की जा रही इस तरह की टिप्पणियों को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी परामर्श में बोला गया है कि किसी संक्रामक बीमारी के फैलने से उपजी जन स्वास्थ्य सम्बंधी आपात हालातों के कारण पैदा होने वाले डर व चिंता, लोगों व समुदायों के विरूद्ध पूर्वाग्रह तथा सामाजिक अलगाव को बढ़ावा देती है। इस तरह के बर्ताव से आपसी बैर भाव, तानाशाही व अनावश्यक सामाजिक बाधाएं बढ़ती हैं।
सरकार ने लोगों से अनुरोध किया है कि किसी समुदाय या जगह को कोरोना संक्रमण फैलने के लिये अपराधी नहीं ठहराया जाए। आपको बता दें कि मोदी सरकार की ओर से ये बयान उस समय आया जब कुछ कट्टरपंथी लोग मुस्लिम कौम टारगेट कर रहे थे।
राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात के एक धार्मिक प्रोग्राम के बाद CORONA__VIRUS संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई वृद्धि व देश के कई क्षेत्रों में ये महामारी फैलने के लिए खासतौर पर सोशल मीडिया पर मुस्लिम जाति के लोगों को जिम्मेदार ठहराए जाने की रिपोर्ट के बाद यह परामर्श जारी किया गया।