तबलीगी जमात के समर्थन में उतरी ये सरकार, कहा नफरत फैलाने वालों के…

इण्टरनेट पर की जा रही इस तरह की टिप्पणियों को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी परामर्श में बोला गया है कि किसी संक्रामक बीमारी के फैलने से उपजी जन स्वास्थ्य सम्बंधी आपात हालातों के कारण पैदा होने वाले डर व चिंता, लोगों व समुदायों के विरूद्ध पूर्वाग्रह तथा सामाजिक अलगाव को बढ़ावा देती है। इस तरह के बर्ताव से आपसी बैर भाव, तानाशाही व अनावश्यक सामाजिक बाधाएं बढ़ती हैं।

परामर्श में मौजूदा हालातों में लोगों द्वारा किये जाने वाले व न किए जाने वाले कामों को भी सूचीबद्ध किया गया है। इसमें स्वास्थ्य, सफाई या पुलिस कर्मियों पर निशाना साधने से बचने की अपील करते हुये बोला गया है .परामर्श में सरकार ने बोला है कि सोशल मीडिया पर कुछ धर्मों व जगहों को गलत सूचनाओं के आधार पर संक्रमण फैलाने का दोषी ठहराया जा रहा है। इस तरह के पूर्वाग्रह पूर्ण दोषारोपण को तत्काल रोका जाना अहम है।

सरकार ने लोगों से अनुरोध किया है कि किसी समुदाय या जगह को कोरोना संक्रमण फैलने के लिये अपराधी नहीं ठहराया जाए। आपको बता दें कि मोदी सरकार की ओर से ये बयान उस समय आया जब कुछ कट्टरपंथी लोग मुस्लिम कौम टारगेट कर रहे थे।

ये लोग जनता की सहायता के लिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक किए गए परामर्श में चिकित्सा कर्मी, सफाई कर्मी व पुलिस कर्मियों को महामारी के विरूद्ध जारी अभियान में अग्रिम मोर्चे का कार्यकर्ता बताया गया है।

राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात के एक धार्मिक प्रोग्राम के   बाद CORONA__VIRUS संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई वृद्धि व देश के कई क्षेत्रों में ये महामारी फैलने के लिए खासतौर पर सोशल मीडिया पर मुस्लिम जाति के लोगों को जिम्मेदार ठहराए जाने की रिपोर्ट के बाद यह परामर्श जारी किया गया।