चीन के साथ हुआ ये देश, अपने सैनिकों की तैनाती

विदेश विभाग ने कहा कि भारत से तनातनी और कोरोना संकट के कारण चीन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना का सामना कर रहा है। ऐसी स्थिति में अगर पाकिस्तान चीन के साथ अपनी नीतियों की समीक्षा नहीं करता है.

 

तो वह विश्व की आर्थिक महाशक्तियों के गुस्से को भड़काएगा। ये महाशक्तियां भारत के साथ टकराव के बाद चीन को विश्व स्तर पर अलग-थलग करने के लिए काम कर रही हैं।

चीन की विस्तारवादी नीतियों और हठधर्मिता का अमेरिका समेत यूरोप के कई देश खुले तौर पर विरोध कर रहे हैं। चीन का आंख मूंदकर समर्थन कर रहे पाकिस्तान को पहला झटका तब लगा जब यूरोपीय यूनियन और ब्रिटेन ने पाकिस्तानी एयरलाइंस के विमानों के उड़ान भरने के लिए प्रतिबंधित कर दिया।

पाकिस्तान ने यूरोपीय देशों के यह समझाने का भरसक प्रयास किया कि उसके पास योग्य पायलट हैं लेकिन इन देशों ने अपने फैसले को नहीं बदला।

चीन के समर्थन को लेकर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने प्रधानमंत्री इमरान खान को सीधी चेतावनी दी है। विदेश विभाग ने सीधे तौर पर चेतावनी दी है.

अगर पाकिस्तान ने चीन का समर्थन करना नहीं छोड़ा तो उसे वैश्विक स्तर पर अलगाव का सामना करना पड़ेगा। हाल में ही चीन के कहने पर पाकिस्तान ने लद्दाख से लगी सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती को बढ़ाया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ( PM Imran Khan) पर चीन को लेकर नीति की समीक्षा का दबाव बढ़ता जा रहा है। पाक विदेश विभाग ने सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है.

पाकिस्तान ने चीन का समर्थन करना नहीं छोड़ा तो उसे वैश्विक स्तर पर अलगाव का सामना करना पड़ेगा। हाल में ही चीन के कहने पर पाकिस्तान ने लद्दाख से लगी सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती को बढ़ाया है।