चीन को तहस-नहस कर देगा ये देश, रातो – रात बनाई ये योजना

उनकी 1000 कंपनियां जो आज की तारीख में चीन में कारोबार कर रही है, वो सभी वहां से बंद कर दी जाएगी और उनके लिए वैकल्पिक जगह तलाश की जा रही है.

 

 

जिनमें भारत सबसे पहले स्थान पर है।कई मौकों पर इस बात को स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि कोरोनावायरस चीन का जैविक हथियार है और उसने इसका निर्माण बुहान शहर स्थित सरकारी लैब में किया है। अमेरिका के अलावा जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत में भी चीन पर इस वायरस को लेकर हमला बोला है।

अमेरिका ने 1 दिन पहले ही चीन से पेंशन फंड के अरबों रुपए का निवेश भी वापस ले लिया है। अमेरिका ने कहा है कि अब वहां पर काम कर रही उनके सेंसेक्स कारोबार वाली कंपनियां ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और भारत में अपना भविष्य तलाशएगी।

इधर बाहर की तरफ से चीन को दोहरा झटका दिया गया है। पहला भारत ने स्पष्ट तौर पर चीन से होने वाले आयात पर करीब करीब प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि यह सभी प्रतिबंध कोविड-19 की वैश्विक महामारी के नाम पर लगाए गए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि यह प्रतिबंध आगे भी जारी रह सकते हैं।

दूसरे झटके के तौर पर भारत में आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मंगलवार को 20 लाख करोड़ पर का आर्थिक पैकेज जारी करते हुए पूरी दुनिया को दिखा दिया है कि भारत अब अपनी जीडीपी का 10% खर्च देश को आत्मनिर्भर बनाने में खर्च करने जा रहा है।

आपको ज्ञात होगा कि भारत दुनिया से जितना आयात करता है, उसमें सबसे बड़ा हिस्सा चीन का होता है। चीन भी अपना निर्यात सर्वाधिक भारत को ही करता है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक प्रति वर्ष चीन भारत को करीब 600 अरब डॉलर पैसे ज्यादा के सामान निर्यात करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर भारत ने आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है। यदि भारत सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने में कामयाब हो पाती है तो यह है चीन के लिए बहुत बड़ा झटका होगा। क्योंकि निर्यात से चीन के पास जितना भी विदेशी धन एकत्रित होता है, उसमें भारत का सबसे ज्यादा योगदान होता है।

अभी तक भारत की किसी भी सरकार ने देश के विकास के लिए और उसमें आमूलचूल परिवर्तन करने के लिए इतना बड़ा बजट खर्च नहीं किया है। पहली बार केंद्र की सरकार 20 लाख करोड़ रुपए का बजट खर्च कर रही है और यह लक्ष्य केवल 2 साल का रखा गया है।

चीन की तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था के लिए कोविड-19 की वैश्विक महामारी महाकाल बनकर टूट पड़ी है। ऐसा लग रहा है कि स्वयं महाकाल, यानी भगवान शंकर चीन के लिए काल बन कर आए हैं।

सितंबर के महीने में जब कोरोनावायरस की बीमारी चीन के हुबेई प्रांत स्थित वुहान शहर में कहर बरसाना शुरू कर रही थी तब चीन ने दुनिया के किसी भी देश को इसके बारे में जानकारी नहीं दी। उसका परिणाम यह हुआ कि वहां से लोग दुनिया के कई बड़े राष्ट्रों में फैल गए।

आज की तारीख में दुनिया भर में 310000 से अधिक लोगों की कोरोनावायरस के चलते मौत हो चुकी है, जबकि करीब 4800000 लोग कोविड-19 से पीड़ित हैं। चीन ने भले ही अपने यहां पर इस बीमारी को नियंत्रित कर लिया हो लेकिन अमेरिका जैसी महाशक्ति कोरोनावायरस के सामने घुटने टेक चुकी है।

भारत में भी कोरोनावायरस के कारण अब तक करीब 86000 लोग बीमार हो चुके हैं। यहां पर करीब 3000 लोगों की मौत हुई हो चुकी है। अमेरिका के अलावा इटली, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ईरान जैसे राष्ट्र कोरोनावायरस की भयंकर चपेट में हैं।