चीन पर भारी पड़ा ये देश, कहा कोई भी…बीच में…

पोम्पियो ने एक बयान में कहा, “ये पत्रकार एक मुक्त प्रेस के सदस्य हैं, किसी प्रोपेगेंडा प्रचार क्लब के सदस्य नहीं हैं। उनकी बहुमूल्य रिपोर्टिंग चीनी नागरिकों और दुनिया को सूचना देती है।”

 

फरवरी में ट्रम्प प्रशासन ने कहा कि वह चीनी राज्य-संचालित पांच प्रमुख मीडिया संस्थाओं को विदेशी दूतावासों के समान मानना शुरू करेगा। उनको अपने कर्मचारियों और अमेरिकी संपत्तियों को विदेश विभाग के पास पंजीकृत करने की आवश्यकता होती है।

बीजिंग ने तब वॉल स्ट्रीट जर्नल के 3 संवाददाताओं को निष्कासित कर दिया। इसमें दो अमेरिकी और एक ऑस्ट्रेलियाई है। इन लोगों ने अखबार के एक विचार स्तंभ में चीन को “एशिया का असली बीमार आदमी” कहा था।

मार्च की शुरुआत में अमेरिका ने चीनी राज्य के स्वामित्व वाले चार प्रमुख मीडिया संस्थानों के अमेरिका में काम करने वालों पत्रकारों की संख्या को 160 से घटाकर 100 कर दिया। इसके प्रतिशोध में चीन ने कहा कि यह न्यूयॉर्क टाइम्स, न्यूज कॉर्प, वॉल स्ट्रीट जर्नल और वाशिंगटन पोस्ट के अमेरिकी संवाददाताओं की मान्यता को रद्द करने वाला है, जिनकी मान्यता 2020 के अंत तक समाप्त हो रही है।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि चीन ने हांगकांग में अमेरिकी पत्रकारों के काम में हस्तक्षेप करने की धमकी दी है। पोम्पिओ ने बीजिंग को चेतावनी दी कि हांगकांग की स्वायत्तता पर कोई भी निर्णय हांगकांग के दर्जे के अमेरिकी आकलन को प्रभावित कर सकता है।