चीन से भीड़ गया ये देश, कहा 28 दिनों के अंदर…

ट्रंप ने इस खत में WHO पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘यह स्‍पष्‍ट है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में WHO और आपने गलत कदम उठाए, जिसका खामियाजा अब दुनिया को भुगतना पड़ रहा है। WHO के आगे एकमात्र तरीका यह है कि वह चीन से अपनी स्‍वतंत्रता को साबित करे।

 

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा, ‘कोरोना वायरस महामारी से 90 हजार से अधिक अमेरिकी नागरिक और पूरी दुनिया में तीन लाख 18 लोग मारे गए हैं।

हालांकि वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्‍सीन खोजने में लगे हुए हैं और उसके ट्रायल में अच्‍छे परिणाम आ रहे हैं, लेकिन अभी तक इस महामारी का कोई इलाज नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र का यह स्वास्थ्य निकाय चीन के हाथ की ‘कठपुतली’ बन गया है।’ट्रंप ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन जनवरी अंत में चीन से यात्रा पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ था। उन्‍होंने कहा था कि आपको इसकी जरूरत नहीं है, ये बहुत ज्यादा है और बेहद सख्त है लेकिन वे गलत साबित हुए।

ट्रंप ने WHO को आगाह करते हुए कहा कि अगर अमेरिका ने चीन से यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगाए होते तो कोरोना वायरस से देश में और लोगों की मौत हुई होती, जिसका स्वास्थ्य एजेंसी ने ‘विरोध’ किया था।

ट्रंप ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन भी इस प्रतिबंध के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, ‘ बाइडेन ने कहा था कि मैं विदेशी लोगों से नफरत करता हूं।

ऐसा इसलिए कहा गया, क्योंकि मैंने कहा था कि चीन से आने वाले लोग देश में प्रवेश नहीं कर सकते। आप अब बहुत जल्दी हमारे देश में प्रवेश नहीं कर सकते और बाइडेन ने कहा कि मैं विदेशियों से नफरत करता हूं।’

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस को एक खत लिखा है, जिसमें उन्‍होंने कहा है कि कोरोना वायरस को लेकर WHO की गलती की सजा पूरी दुनिया भुगत रही है। उन्‍होंने अपने इस खत में यह भी कहा कि अमेरिका WHO की सदस्‍यता से हटने पर विचार करेगा।

नाराज ट्रंप ने इस बार विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन को धमकी देते हुए कहा है कि अगले 28 दिनों में अपने अंदर वास्‍तविक सुधार का वादा नहीं किया तो अमेरिका WHO की फंडिंग से हमेशा के लिए हट जाएगा।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर WHO की मंशा पर बहुत पहले से सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका आरोप हैं कि WHO ने कोरोना वायरस को लेकर चीन की मदद की है।