भारत के खिलाफ भड़का ये देश, दिखाया अपना गुस्सा

आपत्ति पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने शनिवार को कहा, “हाल ही में पिथौरागढ़ ज़िले में जिस सड़क का उद्घाटन हुआ है, वो पूरी तरह से भारतीय क्षेत्र में पड़ता है.

 

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्री इसी सड़क से जाते हैं.”सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को इन्हें गिरफ़्तार करना पड़ा. भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को वीडियो लिंक के ज़रिए 90 किलोमीटर लंबी इस सड़क का उद्घाटन किया था.

ये सड़क उत्तराखंड राज्य के घाटियाबागढ़ को हिमालय क्षेत्र में स्थित लिपुलेक दर्रे से जोड़ती है.  भारत सरकार के समाचार सेवा प्रभाग के अनुसार, सीमा सड़क संगठन ने धारचुला से लिपुलेक तक सड़क निर्माण कार्य पूरा किया है.

ये सड़क कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग के नाम से भी प्रसिद्ध है. शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिथौरागढ़ से वाहनों के पहले काफ़िले को रवाना किया था.

सरकार का कहना है कि इस सड़क से सीमावर्ती गाँव पहली बार सड़क मार्ग से जुड़ेंगे.

कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रियों को इस 90 किलोमीटर लंबे रास्‍ते की कठिनाई से राहत मिलेगी और गाड़ियां चीन की सीमा तक जा सकेंगी.

धारचुला-लिपुलेक रोड, पिथौरागढ़-तवाघाट-घाटियाबागढ़ रूट का विस्‍तार है. ये सड़क घाटियाबागढ़ से शुरू होकर लिपुलेक दर्रे पर ख़त्म होती है जो कैलाश मानसरोवर का प्रवेश द्वार है.

नेपाल की पुलिस का कहना है कि काठमांडू में भारतीय दूतावास के बाहर और अन्य जगहों पर प्रदर्शन कर रहे कम से कम 38 प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया है.

कोरोना वायरस के कारण नेपाल में इस समय राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन जारी है. लेकिन इसके बावजूद इस सड़क का विरोध कर रहे लोग सड़क पर उतरे.

काठमांडू में भारतीय दूतावास के बाहर शनिवार को इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारी भारत और चीन को जोड़ने वाली एक सड़क परियोजना पर नेपाल ने कड़ा एतराज जताया है.

नेपाल में यह मामला इस क़दर गर्म है कि शनिवार को काठमांडू में भारतीय दूतावास के सामने दर्जनों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हो गए.