इस देश ने निकाला कोरोना इलाज, मरीज में दिखा सुधार

हॉस्पिटल ने बताया कि डिफेंस कॉलोनी निवासी मरीज को चार अप्रैल को मैक्स हॉस्पिटल के ईस्ट ब्लॉक में भर्ती किया गया था।

 

उसी दिन जांच में उन्हें कोविड–19 की पुष्टि हुई थी। शुरुआत में उन्हें बुखार व सांस लेने में परेशानी थी, लेकिन एक-दो दिन में ही स्थिति गंभीर हो गई।

इस वजह से ऑक्सीजन देनी पड़ी, लेकिन उन्हें निमोनिया हो गया। फेफडे भी ठीक से काम नहीं कर पा रहे थे। इस वजह से उन्हें आठ अप्रैल को आइसीयू में वेंटिलेटर का सपोर्ट देना पड़ा।

उनके परिजन ने हॉस्पिटल प्रशासन से प्लाज्मा थेरेपी से उपचार करने का आग्रह किया। डोनर भी परिजन खुद ही लेकर आए, जो तीन सप्ताह पहले ही ठीक हुए थे।
यह सफलता दिल्ली के निजी हॉस्पिटल मैक्स के डॉक्टरों ने हासिल की है। इस थेरेपी से चार दिन में ही रोगी के ठीक होने से चिकित्सक काफी उत्साहित हैं।
दो बार डोनर की रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद भी मैक्स में कोरोना के अलावा, एचआइवी, हेपेटाइटिस बी व सी की जांच कराई गई। ये रिपोर्ट भी नेगेटिव आने के बाद उनके ब्लड से प्लाज्मा लेकर 14 अप्रैल को मरीज को चढ़ाया गया।

पूरे विश्व में अबूझ पहेली बन चुके कोविड-19 के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी ने उम्मीद की किरण दिखाई है। देश में पहली बार इस थेरेपी से 49 वर्षीय गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति का सफल उपचार किया गया है।