चीन से निपटने के लिए तैयार हुआ ये देश, जवाब देने के लिए करने जा रहा…

चीन ने भारत के इलाके में निर्माण कार्य किये हैं और अब वह पीछे हटने को तैयार नहीं है। इन सब वजहों से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर चीन के साथ युद्ध जैसे हालात हैं।

मौजूदा समय की स्थितियों से अवगत कराने के लिए सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) बिपिन रावत अपने शीर्ष कमांडरों के साथ संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष उपस्थित हुए। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति को पूर्वी लद्दाख की स्थितियों से अवगत कराया।

समिति को बताया गया कि आने वाले दिनों में कड़ाके की ठंड के बावजूद भारतीय सेना लद्दाख बॉर्डर से नहीं हटेगी और लम्बे समय तक तैनाती जारी रखने की तैयारी कर रही है।

पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई से भारत और चीन के बीच विवाद जारी है। चीनी फौज ने पहले शिनजियांग प्रांत के अपने इलाके में अपने सैनिकों को इकठ्ठा किया और फिर उसके बाद एलएसी पर भारत की ओर अपनी सेना भेज दी गई।

उन्होंने समिति को बताया कि फिलहाल अभी भी चीन के साथ अविश्वास की खाई पाटने के प्रयास चल रहे हैं क्योंकि चीन ने मई महीने से पूर्वी लद्दाख की सीमा पर अपनी फौज तैनात कर रखी है।

चीनी सेना आर्मर्ड रेजिमेंट और लंबी दूरी के हथियारों से लैस है। हालांकि इसके जवाब में भारतीय सेना और वायुसेना ने भी अपनी तैयारी पूरी कर रखी और चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

समिति के कई सदस्यों ने जनरल रावत से पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध के बारे में जानना चाहा। जनरल बिपिन रावत संसदीय समिति को यह भी बताया कि देश की सशस्त्र सेनाएं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास किसी भी स्थिति से निपटने और कड़ाके की सर्दी के दौरान भी तैनाती के लिए तैयार है।