चीन के खिलाफ इस देश ने खोला मोर्चा, सेना कर रही रात का इंतजार…

ताइपे में इस प्रदर्शन में ताइवान के कई संगठनों के सदस्य शामिल हुए हैं जिनमें कई प्रदर्शनकारी हांगकांग से भी थे। ताइवान और चीन 1949 में गृहयुद्ध के बाद अलग हो गए थे और बीजिंग ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन की सरकार से संबंध खत्म कर लिए क्योंकि उन्होंने ताइवान को चीन के हिस्से के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया। चीन का मानना है कि यह क्षेत्र भी चीन की ‘ एक देश, दो तंत्र’ की नीति के साथ चीन की मुख्य भूमि में शामिल हो जाएगा।

यह क्षेत्र हांगकांग की सीमा से लगता है। शुक्रवार, शनिवार और रविवार को कई शहरों में इन प्रदर्शनकारियों की रिहाई के लिए प्रदर्शन हुए। न्यूयॉर्क, वेंकूवर से लेकर ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड तक प्रदर्शनकारियों के समर्थन में ‘हैशटैग 12हांगकांगयूथ’ नाम के अभियान तले लोगों ने प्रदर्शन किए। हांगकांग के विख्यात कार्यकर्ता जोशुआ वांग और नाथन लॉ ने सोशल मीडिया पर इस मुहिम को आगे बढ़ाने में मदद दी।

ताइवान की राजधानी में रविवार को सैकड़ों लोगों ने हांगकांग के 12 प्रदर्शनकारियों की रिहाई की मांग करते हुए मार्च निकाला। इन प्रदर्शनकारियों को चीनी प्रशासन ने अगस्त में गिरफ्तार किया था।

ये 12 प्रदर्शनकारी कथित तौर पर अवैध रूप से नाव के जरिए ताइवान जा रहे थे, उसी दौरान चीनी अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। ये सभी चीन के दक्षिणी शहर शेनजेन में अवैध तरीके से सीमा पार करने के औपचारिक आरोप का सामना कर रहे हैं।