इस देश ने बनाई कोरोना की दवा, सामने आए ये नतीजे

ये रिसर्च हांगकांग यूनिवर्सिटी में किया गया। यहां डॉक्टर क्वॉक-यंग-युवेन की टीम ने तीन दवाओं का मिश्रण तैयार किया और इसे 127 मरीजों को दिया गया।

 

जिन तीन दवाओं को एक साथ मिलाया गया वह हैं- HIV थेरेपी की दवा लॉपिनविर, हेपेटाइटिस की दवा रीबाविरीन और साथ में सक्लेरोरिस की दवा। बता दें कि सक्लेरोरिस में आमतौर पर किसी भी मरीज का इम्यून अपने ही टिश्यू पर हमले करता है।

नतीजे में सामने आया कि जिन मरीजों को इन तीन दवाओं का मिश्रन दिया गया वो बाकी मरीजों के मुकाबले 5 दिन पहले ठीक हो गए।

जबकि जिन्हें ये दवा नहीं दी गई उन्हें ठीक होने में 12-14 दिन लग गए। रिसर्च कर रहे प्रोफेसर डॉक्टर क्वॉक-यंग-युवेन का कहना है कि ट्रायल से ये साबित होता है कि जिन्हें शुरुआत में हल्के लक्षण हैं उन पर इन तीन दवाओं का मिश्रण अच्छा काम कर रहा है।

इससे किसी कोरोना के मरीज का इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ को संक्रमित होने का खतरा भी कम हो जाता है। दरअसल रिसर्च में ये पता चला है कि इन दवाओं के मिश्रण से कोरोना वायरस के आगे बढ़ने की क्षमता कम हो जाती है।

कोरोना वायरस से दुनिया भर में अब तक 2 लाख 79 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि 40 लाख से ज्यादा लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में हैं। अभी तक डॉक्टर्स और वैज्ञानिक इसकी न तो कोई दवा और न ही कोई वैक्सीन तलाश कर सके हैं।

इस बीच हांगकांग से एक अच्छी खबर आई है। यहां कोरोना के कुछ मरीजों को 3 दवाओं का मिश्रण दिया गया और इसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं।