चीन के खिलाफ एकजुट हुए भारत समेत ये देश, तैयार किया ये मजबूत हथियार,छोड़ सकते इतने दिनो में…

ये देश उससे इसलिए नाराज हैं क्‍योंकि वह अपनी विस्‍तारवादी नीति को सिर्फ भारत के खिलाफ ही नहीं, बल्कि अन्‍य देशों के खिलाफ भी अपनाता है। सीमा विवाद की बात करें तो भारत के अलावा जापान के साथ भी चीन ऐसा ही कर रहा है।

 

लद्दाख में LAC पर पिछले करीब 4-5 महीनों से भारत-चीन की सेनाएं तैनात हैं। दोनों देशों के सैनिकों में कई बार झड़पें भी हुई हैं। चीन का अमेरिका और ऑस्‍ट्रेलिया के साथ ट्रेड वॉर चल रहा है। जापान के टोक्‍यों में होने वाली इस बैठक में 5G और 5G प्लस तकनीक पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।

द क्वॉड्रिलैटरल सिक्‍योरिटी डायलॉग (क्‍वाड) की शुरुआत 2007 में हुई मानी जाती है। वहीं यह भी माना जाता है कि क्‍वाड की शुरुआत 2004-05 के बीच हो गई थी।

उस दौरान भारत ने सुनामी में तबाह हुए दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों की मदद की थी। क्‍वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत शामिल हैं।

मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की भी बैठक हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द.कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।

इसी क्रम में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्‍ट्रेलिया द क्‍वाड्रिलेटरल सिक्‍योरिटी डायलॉग को चीन के खिलाफ मजबूत हथियार मानकर इसे सशक्‍त करने की कोशिश कर रहे हैं।

जापान के टोक्‍यो में इस गठबंधन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए मंगलवार को इन देशों के प्रतिनिधि मिलेंगे। इसके लिए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी जापान पहुंच गए हैं।

भारत के खिलाफ वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगातार नापाक हरकतो की वजह से चीन के संबंध अब अन्य देशों के साथ खराब होने लगें हैं जिसकी वजह से वह चीन से रिस्तों को खत्म कर ले रहे हैं। कोरोना महामारी को लेकर कई देशों में उसके खिलाफ नाराजगी है। ऐसे में ये देश उसके खिलाफ खड़े हो रहे हैं।

भारत के अलावा भी चीन कई देशों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है। दक्षिण चीन सागर पर उसकी हरकतों से ऑस्‍ट्रेलिया और जापान भी परेशान हैं। अब ईयू और नाटो की तरह चीन के खिलाफ भी एक मोर्चा बनाए जाने को लेकर आवाज उठ रही है।