इस देश ने कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए किया ये काम, देख चीन के छूटे पसीने

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में 10 लाख वैक्सीन की डोज बनाने की कवायद चल रही है. इंग्लैंड के पीएम बोरिस जॉनसन खुद कोरोना के शिकार हो गए थे.

 

हालांकि अब वो पूरी तरह स्वस्थ हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वैक्सीन बनाने के लिए तय प्रोटोकॉल से पहले ही इसे ह्यूमन टेस्टिंग की तैयारी चल रही है. जानकारों के अनुसार, खुद ऑक्सफोर्ड के रिसर्चर्स को पता नहीं है कि वैक्सीन कितनी असरदार होगी.

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में जेनर इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर आड्रियान हिल का बोलना है कि, हम किसी भी मूल्य पर सितंबर तक वैक्सीन के दस लाख डोज तैयार करना चाहते हैं.

एक बार वैक्सीन की क्षमता का पता लग जाए तो उसे बढ़ाने पर बाद में भी कार्य किया जा सकता है. ये स्पष्ट है कि पूरी संसार को करोड़ों डोज की जरूरत पड़ने वाली है.

तभी इस महामारी का अंत होगा व लॉकडाउन से निजात मिलेगी। कोरोनावायरस को समाप्त करने के लिए वैक्सीन ही सबसे असरदार तरीका होने कि सम्भावना है.

चीन से लेकर इंग्लैंड तक के प्रयोगशाला में कोरोना वैक्सीन बनाने का कार्य चल रहा हैं. इससे पहले ईबोला की वैक्सीन पांच साल की रिसर्च के बाद बनी थी.

इस बार पूरी संसार आपात स्थिति से जूझ रही है, इसलिए तैयारी उसी तरह से हो रही है. दो साल के क्लीनिकल ट्रायल को दो महीने के अंदर पूरा करने की योजना बनाई गई है.

इंग्लैंड में 21 नए रिसर्च प्रोजेक्ट प्रारम्भ किए गए हैं. इसके लिए इंग्लैंड की सरकार ने 1.4 करोड़ पाउंड की राशि उपलब्ध कराई है.